कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) कांग्रेस पर हमला करने के लिए पार्टी के घोषणा पत्र के बारे में ‘‘काल्पनिक विचार'' व्यक्त कर रहे हैं. थरूर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि हमारे पूर्वजों ने भारतीय लोकतंत्र की जिस अवधारणा के लिए लड़ाई लड़ी थी वह आज संकट में है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा घोषणा पत्र एक मजबूत दस्तावेज है जिसमें भविष्य के लिए एक दृष्टि है. हमारे घोषणा पत्र में जो बाते नहीं हैं उस बारे में मोदी काल्पनिक विचार व्यक्त कर रहे हैं और उसके लिए हमपर हमले कर रहे हैं.''
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि मोदी का अपना रिकॉर्ड काफी खराब है और उनपर प्रहार करने के लिए यह पर्याप्त है. हालांकि, उनके पास हमारे खिलाफ उन काल्पनिक चीजों के अलावा कहने के लिए और कुछ नहीं है, जो हमारे घोषणा पत्र में है ही नहीं.''
थरूर ने दावा किया कि मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा प्रधानमंत्री ने लाया है लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘‘मुस्लिम'' शब्द का कोई उल्लेख नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा है कि हम लोगों के घर और भैंस छीनकर मुसलमानों को देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि हम मंगलसूत्र और सोना छीनकर इसे मुसलमानों को देने जा रहे हैं.''
असल मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए कहा
थरूर ने सत्तारूढ़ दल की ओर से आये ऐसे बयान को ‘‘बकवास'' करार देते हुए उनसे ‘‘असल मुद्दों पर चुनाव लड़ने को कहा.''
तिरूवनंतपुरम से सांसद ने कहा कि कुछ राज्यों में मुसलमानों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में शामिल किया गया है लेकिन यह राज्य स्तर पर अपनाई गई नीति है और कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा करने का समर्थन नहीं किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना मौजूदा हकीकत को जानबूझ कर झुठलाना है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस (इस सिलसिले में) कुछ करना चाहती है. लोकसभा चुनाव केंद्र में सरकार के लिए है, राज्यों में सरकार गठित करने के लिए नहीं.''
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इस पद पर रहने के दौरान कोई ऐसा करेगा.
सरकार ने वादों को पूरा नहीं किया : थरूर
थरूर ने कहा कि देश ने डॉ भीमराव आंबेडकर के संविधान द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक संस्थाओं को भाजपा द्वारा खोखला किये जाते देखा है, जो संसद को महज एक ‘‘नोटिस बोर्ड और रबर स्टाम्प'' बना देने की कोशिश कर रही.
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि संविधान के अनुसार, सरकार लोगों के प्रति जिम्मेदार है लेकिन इस सरकार ने केवल कुछ लोगों के लिए काम किया है.
थरूर ने कहा, ‘‘हम इसे लेकर चिंतित हैं कि इस सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किये गए अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया. उन्होंने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन 2014 के बाद से हमने इसमें वृद्धि होने के बजाय एक करोड़ नौकरियां खत्म होते देखा है.''
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां भारतीय लोकतंत्र की वह अवधारणा संकट में है जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी थी. पिछले 10 वर्षों से दिल्ली (केंद्र) में ऐसी सरकार है जिसने हर उस बुनियादी सिद्धांत को चुनौती दी है जिसके लिए (देश की) आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी.''
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