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This Article is From May 02, 2024

"हमारे घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं, सब मनगढ़ंत है" : BJP के 'मंगलसूत्र' वाले आरोप पर बोले शशि थरूर

तीन बार के सांसद और तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार शशि थरूर ने अपनी पार्टी के इस आरोप को भी दोहराया कि एनडीए 400 सीटें मांग रहा है क्योंकि वह संविधान बदलना चाहता है.

"हमारे घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं, सब मनगढ़ंत है" : BJP के 'मंगलसूत्र' वाले आरोप पर बोले शशि थरूर
शशि थरूर ने कहा, "सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना को लेकर किया गया था एक्स-रे का जिक्र."
नई दिल्ली:

बीजेपी (BJP) द्वारा लगाए गए आरोपों पर कड़ा प्रहार करते हुए कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र धन पुनर्वितरण (wealth redistribution) और विरासत कर के बारे में बात करता है, कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि सत्तारूढ़ दल दस्तावेज को पढ़े बिना भी उसके बारे में बात कर रहा है और इस मोर्चे पर लगाया गया हर आरोप "पूरी तरह से मनगढ़ंत है".

बुधवार को एक्सक्लूजिवली एनडीटीवी से बात करते हुए तीन बार के सांसद और तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार ने अपनी पार्टी के इस आरोप को भी दोहराया कि एनडीए 400 सीटें मांग रहा है क्योंकि वह संविधान बदलना चाहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार कहती रही है कि कांग्रेस का घोषणापत्र लोगों के पैसे और आभूषणों को लेने की बात करता है, जिसमें 'मंगलसूत्र' भी शामिल है - हिंदू धर्म में एक पवित्र आभूषण जो एक महिला के विवाहित होने का प्रतीक है. कुछ अवसरों पर, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति तक पहुंचने के लिए उनके घरों का एक्स-रे कराएगी और फिर इसे पुनः वितरित किया जाएगा. 

कांग्रेस घोषणापत्र समिति का हिस्सा रहे शशि थरूर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि दस्तावेज़ में धन पुनर्वितरण या विरासत टैक्स का कोई जिक्र नहीं किया गया है. शशि थरूर ने कहा, "घोषणापत्र में आर्थिक पुनर्वितरण शब्द कहां है? मैं घोषणापत्र समिति में हूं, घोषणापत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं है. भाजपा द्वारा लगाया गया हर आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत है. बीजेपी ने लोगों का सोना और 'मंगलसूत्र' छीने जाने के बारे में बात की है. इसका कोई संदर्भ नहीं है. उन्होंने विरासत टैक्स के बारे में बात की है लेकिन घोषणापत्र समिति में इनमें से किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई है.''

सांसद ने माना कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स-रे की बात कही थी, लेकिन कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों के घरों में जाकर उनकी अलमारियों की जांच की जाए. एक्स-रे, या सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना, यह प्रकट करने के लिए है कि हमारे देश के अंदर क्या चल रहा है. उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र सरकार जाति के आधार पर लाभ देती या रोकती है. 

उन्होंने कहा, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि लोग अपनी जाति संबद्धता के साथ क्या कमा रहे हैं. उदाहरण के लिए, यदि दलितों और गरीबी के बीच कोई सहसंबंध उभरता है, तो सरकार लक्षित नीतियां बना सकती है. 

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