केंद्र सरकार ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2021 ( Personal Data Protection Bill 2021) को वापस ले लिया है. यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था. समिति ने इस विधेयक में 81 संशोधनों का सुझाव दिया था. इतने बड़े पैमाने पर सिफारिशों पर विचार करने के लिए इसे वापस लिया गया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में बदलावों पर विचार करने के लिए इसे वापस लिया जा रहा है. इसके लिए व्यापक कानूनी विचार विमर्श की जरूरत होगी. इसके बाद नए सिरे से ये विधेयक पेश किया जाएगा.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पर विचार करते हुए एक व्यापक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है जिससे नए बिल का रास्ता साफ होगा.
Tdy @GoI_MeitY withdrew the Personal Data Protection Bill,2021 from Parliament
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) August 3, 2022
This will soon be replaced by a comprehensive framewrk of Global std laws includng Digital Privacy laws for contemporary & future chllnges n catalyze PM @narendramodi ji vision of #IndiaTechade pic.twitter.com/4qfjmKnfPM
विपक्षी दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के विरोध का सामना करने के बाद 2019 में बिल को पैनल को भेजा गया था. विपक्ष ने कहा था कि डेटा गोपनीयता कानून नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. विपक्षी दलों ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों का हवाला देते हुए लाए गए इस कानून से सरकार को लोगों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंचने के लिए व्यापक अधिकार दिए हैं.
JCP report on Personal Data protection bill had identified many issues that were relevant but beyond the scope of a modern Digital Privacy law
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) August 3, 2022
Privacy is a fundamental right of Indian citizens & A Trillion dollar Digital Economy requires Global std Cyber laws #IndiaTechade
कानून के तहत कथित तौर पर पहचान-सत्यापन के विकल्प के लिए बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होगी. इस आवश्यकता के कारण संभवतः फेसबुक और इसकी व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम यूनिट, ट्विटर सहित कंपनियों के कई तकनीकी और नीतिगत मुद्दों को उठाया जा सकता है. इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भारत के लाखों यूजर हैं.
टॉप टेक्नालॉजी कंपनियों और उद्योगपतियो द्वारा व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बिल का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था क्योंकि यह सभी प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के भारतीय कंज्यूमर के डेटा को एकत्रित करने, संग्रहीत करने और ट्रांसफर करने के तरीके को बदल सकता था.
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