Parliament Updates: संसद में आज भी हंगामे के आसार हैं. दिन भी तो 5 अगस्त है. दरअसल, 2019 में आज ही के दिन मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया था. आज 370 हटने के पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं. बीजेपी जहां इसे उपलब्धि के रूप में ले रही है, वहीं विपक्ष इस पर हंगामा करने की योजना बना रहा है. उम्मीद तो ये भी जताई जा रही है कि आज वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर प्रस्ताव संसद में पेश कर सकती है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव संसद में पेश कर सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड के संपत्ति नामित करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है. इन बदलावों में संपत्ति के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल होगा. हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है. इसके अलावा विपक्षी सदस्य राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और सहकारिता सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं.
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लोकसभा में नोटिस
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को सदन में "सीमा की स्थिति और चीन के साथ भारी व्यापार घाटे" पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में कार्यस्थगन नोटिस दिया. नोटिस में तिवारी ने सदन से इस मामले पर चर्चा के लिए शून्यकाल तथा संबंधित नियमों और दिन के अन्य कामकाज को स्थगित करने को कहा.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई
सभापति जगदीप धनखड़ सदन में पहुंच गए हैं और उन्होंने जन्मदिन की बधाई के कार्यवाही शुरू की
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. आज भी विपक्ष के हंगामे का आसार हैं.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल गोवा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व को पुनः समायोजित करने के लिए विधेयक पेश करने वाले हैं.
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल हो सकता है पेश
ज्ञात हो कि साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है. नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है.