संसद परिसर में गुरुवार को BJP और कांग्रेस सांसदों के बीच कथित धक्का-मुक्की की घटना के बाद सियासत जारी है. धक्का-मुक्की में BJP सांसद प्रताप सारंगी (Pratap Sarangi) और मुकेश राजपूत (Mukesh Rajput)को चोटें आई हैं. दोनों का दिल्ली के RML अस्पताल में इलाज चल रहा है. दोनों सांसदों ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर धक्का देकर गिराने के आरोप लगाए हैं. जिसके बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ FIR भी दर्ज हो गई है. संसद में हुए बवाल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच शुक्रवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju)ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सांसद को धक्का देना मर्दानगी की निशानी नहीं है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने NDTV को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि गुरुवार को हुई घटना को नेता प्रतिपक्ष टाल सकते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने BJP सांसद मुकेश राजपूत को धक्का दिया और राजपूत दूसरे BJP सांसद प्रताप सारंगी पर गिर गए. इस वजह से दोनों घायल हो गए.
हम संसद की गरिमा को इतना नीचे नहीं गिरा सकते
किरेन रिजिजू ने जापानी मार्शल आर्ट के फॉर्म ऐकिडो में ब्लैक बेल्ट रखने वाले राहुल गांधी से पूछा, "क्या आपने सांसदों पर हिंसा करने के लिए कराटे या कुंग फु सीखा है?" उन्होंने कहा, "कांग्रेस का पार्टी व्यवहार इतना शर्मनाक है कि हम इसपर यकीन नहीं कर सकते. हमारे पास संसद में संख्या बल है. हम बहुमत में हैं. इसलिए डरने वाले नहीं हैं. हम हाथा-पाई और मारा-मारी करके संसद की गरिमा को इतना नीचे नहीं गिराना चाहते. संसद कोई कुश्ती का अखाड़ा नहीं है. यहां किसी सांसद पर हाथ नहीं उठाया जा सकता."
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विपक्ष के नेता को मारपीट की स्थिति में नहीं आना चाहिए
उन्होंने कहा, "संसद में तीखी नोकझोंक होती है. यह 1952 से ही होता आ रहा है. इसमें कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब किसी घटना के कारण कोई घायल हो जाता है और पुलिस केस दर्ज हो जाता है, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है. पुलिस कार्रवाई चोटों के कारण होती है. गुरुवार की घटना के बाद 2 सांसदों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इसे टाला जा सकता था. विपक्ष के नेता को मारपीट की स्थिति में नहीं आना चाहिए."
हंगामे के चलते जरूरी बिल नहीं हो पाए पास
रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के हंगामे के चलते कई विधेयक पारित नहीं हो सके. संसद के शीतकालीन सत्र का ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया. उन्होंने कहा, "लोकसभा में आउटपुट 54.5% था. राज्यसभा में यह 40% था, जो उम्मीद से काफी कम है. चूंकि हमने बिलों को सदन में सूचीबद्ध किया था, हम उन्हें आगे बढ़ा सकते थे, हमारे पास संख्याएं हैं. लेकिन हम चर्चा और बहस में विश्वास करते हैं. हमने पहले भी हंगामे के दौरान कई विधेयक पारित किए थे, जब यह जरूरी था. कांग्रेस ने यह अनियंत्रित व्यवहार शुरू कर दिया... सदन को चलने देना हर किसी की जिम्मेदारी है."
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, "प्रत्येक सांसद को सदन में बोलने का समान अधिकार है. एक कांग्रेस नेता के कारण, कई सांसद उस विशेषाधिकार से वंचित हो गए हैं. यही कारण है कि मैंने कांग्रेस सांसदों से कहा कि वे अपनी बात कहें."
राहुल गांधी ने आरोपों पर क्या कहा था?
राहुल गांधी ने सभी आरोपों से इनकार किया है. मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा, "नहीं-नहीं. ये पार्लियामेंट का एंट्रेंस है. मैं अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. BJP के सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे. मुझे धकेल रहे थे. मुझे धमका रहे थे. ये हुआ है. धक्का-मुक्की से कुछ होता नहीं है. संसद में जाना हमारा अधिकार है. BJP के मेंबर्स हमें अंदर जाने से रोक रहे थे." कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा कि उनके और प्रियंका गांधी के साथ धक्का-मुक्की की गई. खरगे ने कहा- 'धक्का लगने से मेरे घुटने में चोट आई है.'
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