
- संसद ने मणिपुर बजट और मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मणिपुर का पूर्ण बजट राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
- मणिपुर के लिए केंद्र सरकार ने दो हजार आठ सौ अठानवे करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
संसद ने सोमवार को मणिपुर बजट तथा मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने आज मणिपुर के बजट और संबंधित विनियोग विधेयक तथा मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त चर्चा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद इन्हें लोकसभा को लौटा दिया दिया. लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है.
इन विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मणिपुर, उसका बजट, उसका कर राजस्व, जीएसटी में उसकी भागीदारी, राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पहले राज्य के लिए लेखा अनुदान लाया गया था, किंतु यह पूर्ण बजट है.
इस बीच विपक्ष के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये. विपक्ष के इस हंगामे की ओर इंगित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट पारित करना संसद का संवैधानिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि मणिपुर जीएसटी अध्यादेश को अधिनियम में बदला जा रहा है.
वित्त मंत्री क्यों हुईं खुश
सीतारमण ने कहा कि वह इस बात से प्रसन्न हैं कि विपक्ष के सदस्य सदन में वापस आ गये हैं. वह उम्मीद कर रही थीं कि विपक्ष के नेता मणिपुर के बजट और जीएसटी संबंधी अधिनियम के बारे में हो रही चर्चा में भाग लेंगे, किंतु ऐसा नहीं हो रहा. जब इस विधेयक पर चर्चा शुरू हुई तो सदन में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे और वे वित्त मंत्री के जवाब दौरान सदन में आये.
वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने पहले मणिपुर के मामले में बहुत रुचि दिखायी थी, किंतु आज जब मणिपुर के लोगों को उनका पैसा मिलने जा रहा है तो उन्हें (विपक्ष को) इसकी अनुमति देनी चाहिए. उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से चर्चा में भाग लेने को कहा.
पीएम मोदी की बताई मंशा
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी चाहते हैं कि मणिपुर का विकास किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होना चाहिए और वहां शरणार्थी शिविरों में रहने वाले लोगों को समुचित सहायता उपलब्ध करायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मणिपुर के लिए 2898 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें से 1667 करोड़ रुपये पूंजीगत खाते में व्यय होंगे, जिसका अर्थ है कि परिसंपत्तियों का निर्माण होगा, रोजगार का सृजन होगा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी.
सीतारमण ने कहा कि 1231 करोड़ रुपये राजस्व सहायता पर व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके तहत आतंरिक रूप से विस्थापित लोगों के पुनर्वास में जो फौरी जरूरतें हैं, उनको पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 523 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
मणिपुर को क्या होगा फायदा
जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित निर्णयों को लागू करने के लिए पारित किया गया मणिपुर वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 इस संबंध में लागू किए गए मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025 का स्थान लेगा. मणिपुर वर्तमान में राष्ट्रपति शासन के अधीन है, जो 13 फरवरी 2025 को लागू किया गया था. हाल में संसद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त के बाद छह महीने बढ़ाने के लिए एक सांविधिक संकल्प को मंजूरी दी थी. मणिपुर बजट में 2,898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त केंद्रीय आवंटन शामिल है, जिसमें 1,667 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए और 1,231 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के लिए निर्धारित हैं.
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