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This Article is From Dec 21, 2023

MP के जिला स्कूलों में सांता की पोशाक पहनने के लिए माता-पिता की मंजूरी जरूरी

जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि इस तरह के आदेश से स्कूलों में क्रिसमस कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने जैसा कुछ है. 

MP के जिला स्कूलों में सांता की पोशाक पहनने के लिए माता-पिता की मंजूरी जरूरी
एमपी में क्रिसमस को लेकर शिक्षा विभाग का खास सर्कुलर (प्रतीकात्मक चित्र)
नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के एक शिक्षा अधिकारी का एक आदेश इन दिनों चर्चाओं में है. दरअसल, मध्यप्रदेश के शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी कर कहा है कि यदि छात्र अपने माता-पिता की अनुमति के बिना क्रिसमस से संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. ये उन छात्रों पर भी लागू हो रहा है जो क्रिसमस के मौके पर अलग-अलग नाटकों या अन्य कार्यक्रमों में सांता क्लॉज के रूप में तैयार होने वाले हैं. 

शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया है सर्कुलर

शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने इसे लेकर एक सर्कुलर भी जारी किया है. इस सर्कुलर में कहा गया है कि छात्रों को क्रिसमस से संबंधित कार्यक्रमों का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए, जिसमें उन्हें सांता क्लॉज़ और क्रिसमस ट्री जैसी पोशाकें पहनाना या भूमिका निभाना शामिल है. किसी भी अप्रिय स्थिति या घटना को रोकने के लिए माता-पिता की लिखित सहमति जरूरी है. 

"अभिभावकों को सूचित करना जरूरी है"

इस आदेश में कहा गया है कि स्कूल इस सर्कुलर के बारे में अभिभावकों को सूचित कर दें. स्कूलों से कहा गया है कि यदि इस संबंध में शिकायतें मिलती है तो आपके संगठन के खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि इस तरह के आदेश से स्कूलों में क्रिसमस कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने जैसा कुछ है. 

"पहले अभिभावक ही कर चुके हैं शिकायत "

उन्होंने आगे कहा कि यह सर्कुलर आने वाले त्योहारी सीज़न के दौरान स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. पहले ऐसी कई शिकायते आई थी जिनमें अभिभावक कह चुके हैं उनकी सहमति के बगैर उनके बच्चों को स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है, और सर्कुलर का उद्देश्य इस तरह की घटनाओं को रोकना है. घटना घटित होने के बाद कार्रवाई करने से बेहतर है कि ऐसे विवादों पर ध्यान दिया जाए. 

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