- उत्तर प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष का रविवार को आधिकारिक ऐलान होगा
- आज लखनऊ में अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा जाना है, माना जा रहा है कि एक पर्चा भरा जाएगा
- केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है
UP BJP President Election: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी यूपी बीजेपी के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश बीजेपी को 11 महीने से नए अध्यक्ष का इंतजार था. माना जा रहा है कि शनिवार को पंकज चौधरी पर्चा भरेंगे. बीजेपी की सर्वसम्मति की परंपरा के तहत एकमात्र पर्चा उन्हीं का होगा.उन्हें एक भव्य कार्यक्रम में औपचारिक रूप से अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और यूपी संगठन चुनाव के लिए प्रभारी पीयूष गोयल तथा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े उपस्थित रहेंगे. संगठन महासचिव बी एल संतोष ने चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया. पूरे लखनऊ को सजाया गया है और सभी विधायक और सांसदों को रहने को कहा गया है.
जातीय समीकरण साधा
बीजेपी ने 2027 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष पर दांव लगाया है. कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी सात बार के सांसद हैं.महाराजगंज से सांसद हैं.गोरखपुर में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया.पूर्वाचंल का बड़ा चेहरा हैं. उनका कारोबार भी है. वो राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं.
गैर यादव ओबीसी वोटों को एकजुट करेंगे
इसे गैर यादव ओबीसी वोटों को एकजुट करने की बीजेपी की कवायद माना जा रहा है. 2024 लोक सभा चुनाव में अखिलेश यादव के पीडीए दांव से झटका लगा था.राज्य में ओबीसी वोटरों में यादव के बाद कुर्मी सर्वाधिक हैं. करीब आठ से दस प्रतिशत कुर्मी वोटर राज्य की 30-40 सीटों पर प्रभाव डालते हैं.तराई, काशी, गोरखपुर, अवध, रूहेलखंड में कुर्मी वोटों का प्रभाव है.

ये भी पढ़ें- पूर्वांचल में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं पंकज चौधरी, पार्षद से 7 बार के सांसद तक का ऐसा है सियासी सफर
बीजेपी में बड़े कुर्मी नेता
संतोष गंगवार को राज्यपाल बनाने के बाद पंकज चौधरी बीजेपी में बड़े कुर्मी नेता के रूप में उभरे हैं.अनुप्रिया पटेल के अपना दल सोनेलाल के साथ गठबंधन कर भी बीजेपी ने कुर्मी वोटों को साधा है.इस तरह सरकार और संगठन में जातीय समीकरण साधे गए हैं.राजपूत सीएम और एक ब्राह्मण और एक ओबीसी डिप्टी सीएम हैं. प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी बनाया जा रहा है.कैबिनेट में दलित प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा.
क्षेत्रीय संतुलन
पूर्वांचल से ही सीएम योगी भी हैं.ऐसे में क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए योगी कैबिनेट में फेरबदल संभव है.प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद योगी कैबिनेट में फेरबदल संभव है. सेंट्रल यूपी से प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा.निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को कैबिनेट में फिर जगह मिल सकती है. साध्वी निरंजन ज्योति को भी अहम दायित्व दिया जा सकता है.प्रदर्शन के आधार पर कुछ मंत्रियों को ड्रॉप भी किया जा सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं