
लोकेशन 'मिनी स्विट्जरलैंड', जम्मू-कश्मीर. पहलगाम शहर से 6.5 किमी दूर. समय दोपहर 2.15 के आसपास का. बैसरन घाटी के पास एक खुले मैदान में दूर-दूर से छुट्टी मनाने पहुंचे सैलानियों के पास आतंकवादी फौजियों जैसी छद्म पोशाक पहने पहुंचे और अपनी एम4 कार्बाईन असॉल्ट रायफलों और एके-47 से हमला करने लग गए. कुछ नहीं था उन निहत्थे मासूमों के हाथ में जब वो गोलीबारी के बीच अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे. ये तारीख थी 22, अप्रैल 2025.
टूरिस्ट्स पर हमले के दो असर हुए. पहला दहशतगर्द घाटी में दहशत फैलाने में सफल हुए और दूसरा आतंकियों ने सोचा कि वो कश्मीर के पर्यटन को खत्म कर देंगे. समय बदला. एक सप्ताह भी नहीं हुए हैं. भारतीयों ने कश्मीर में आतंकियों को कश्मीरियों की मदद से चुनौती देनी शुरू कर दी. भारतीयों का हौसला कमजोर नहीं हुआ.
कट टू 29 अप्रैल: उसी पहलगाम जहां आतंकियों ने मानवता को शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया था वहां पहुंची एक बच्ची ने कहा कि उसे यहां घूमने में थोड़ा भी डर नहीं लग रहा है. उसने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि दिस इज अमेजिंग (यह अद्भुत है). घूमना अच्छा लग रहा है. नहीं डर नहीं है, थोड़ा भी, यहां पर बहुत सारे टूरिस्ट्स भी आए हैं.
क्या हुआ था हैवानियत के दिन
22 अप्रैल को पहलगाम स्थित बैसरन घाटी, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं, में आतंकवादियों ने लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं. इस कायराना आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे. मृतकों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल थे. इस हमले पर सोमवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने असेंबली में कहा कि हमने सैलानियों को यहां आने के लिए बुलाया था, मैं मृतकों के परिजनों से क्या कहकर माफी मांगू.
कोई डर नहीं है
पहलगाम पहुंचे दूसरे सैलानी ने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है और सब अच्छा चल रहा है. इसके अलावा उनके साथी ने बताया कि पिछले हफ्ते की घटना के बाद मार्केट बंद हो गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे सब खुल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि श्रीनगर वगैरह तो पूरा खुल रहा है.
एक्टर अतुल कुलकर्णी ने भी की कश्मीरियत की अपील
मशहूर बॉलिवुड एक्टर और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों में काम कर चुके अतुल कुलकर्णी भी इन दिनों कश्मीर में हैं. उन्होंने हमले के कुछ ही दिन बाद लोगों से कश्मीर में लौटने की अपील की. कुलकर्णी ने मीडिया में बयान देते हुए यह भी बताया कि कैसे 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के बाद वहां के स्थानियों को नुकसान पहुंचा है.
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