जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के समेत इन मुद्दों पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा कराने की विपक्ष ने की मांग

आईयूएमएल नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने ‘अग्निपथ’, महंगाई और लोकसभा सचिवालय द्वारा निकाली गयी नयी पुस्तिका में असंसदीय शब्दों की सूची पर उठे विवाद के विषयों को उठाया. 

जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के समेत इन मुद्दों पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा कराने की विपक्ष ने की मांग

सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग समेत 13 विषय उठाए. (फाइल)

नई दिल्ली:

विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने रविवार को मांग की कि संसद के मॉनसून सत्र में महंगाई, सेना में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ' और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के विषयों पर चर्चा कराई जाए. साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में ‘असंसदीय शब्दों' की सूची को लेकर भी आपत्ति जताई. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने एकमत से सशस्त्र बलों में भर्ती की ‘अग्निपथ' योजना की तत्काल वापसी की मांग की और सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में महंगाई और अर्थव्यवस्था की स्थिति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराने की मांग की.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पूछा कि संसद सत्र में 14 दिन में 32 विधेयक कैसे पारित होंगे जिन्हें सरकार ने कार्यसूची में रखा है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार क्या करना चाह रही है?'' उन्होंने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने महंगाई, अग्निपथ, देश के संघीय ढांचे पर हमला और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग समेत 13 विषय उठाए.''

लगभग सभी दलों के नेता उपस्थित हुए

बैठक में खड़गे के साथ ही कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और जयराम रमेश, द्रविड़ मुनेष कषगम (द्रमुक) के टी. आर. बालू और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार के अलावा बीजू जनता दल (बीजद) के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजयसाई रेड्डी, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ए. डी. सिंह और शिवसेना के संजय राउत समेत लगभग सभी दलों के नेता उपस्थित थे. सरकार की ओर से बैठक में रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह, कैबिनेट में उनके सहयोगी तथा राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिस्सा लिया.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘आज सर्वदलीय बैठक में अनेक राजनीतिक दलों ने एक तरफ राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए श्रेय लेने और दूसरी तरफ वन अधिकार अधिनियम, 2006 को समाप्त करने के मोदी सरकार के विरोधाभासी रुख की ओर इशारा किया और इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का समर्थन करने वाले दल भी शामिल रहे.'' इससे पहले रमेश ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई.

यह संसद में एक सामान्य प्रक्रिया

आईयूएमएल नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने ‘अग्निपथ', महंगाई और लोकसभा सचिवालय द्वारा निकाली गयी नयी पुस्तिका में असंसदीय शब्दों की सूची पर उठे विवाद के विषयों को उठाया. बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे शब्दों की सूची को लेकर अनुचित तरीके से निशाना बनाया गया है जबकि यह संसद में एक सामान्य प्रक्रिया है.

उन्होंने और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) नेता एम. थंबिदुरई ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग की. द्रमुक के बालू और अन्नाद्रमुक के थंबिदुरई ने श्रीलंका के संकट का विषय भी उठाया और कहा कि भारत को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.

संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से जारी किए जा रहे असंसदीय शब्दों की सूची और परिपत्रों पर विवाद उत्पन्न करने के लिए विपक्ष की निंदा करते हुए कहा कि 1954 से इस तरह की परिपाटी चली आ रही है, जब पहली ऐसी सूची पेश की गई थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है.

सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं

जोशी ने दावा किया कि सरकार ‘‘अच्छा काम कर रही है'' और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को न केवल भारत के भीतर, बल्कि विदेशों में भी लोगों की ओर से मान्यता मिली है. जोशी ने सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्ष गैर मुद्दों को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं है.''

असंसदीय शब्दों को लेकर जारी विवाद पर उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष संसद की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है.'' जोशी ने यह भी कहा, ‘‘संसद में किसी भी शब्द के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगायी गई है और लोकसभा सचिवालय 1954 से असंसदीय शब्दों की ऐसी सूची जारी कर रहा है.''

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचना पर, मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 2014 से पहले कभी भी सर्वदलीय बैठकों में शामिल नहीं हुए, जब कांग्रेस सत्ता में थी.'' उन्होंने कहा कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर करेंगे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)