
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर'चलाया. सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंक की फैक्ट्रियों को जमीदोंज किया. जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया उनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय भी शामिल हैं. इस कार्रवाई में पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है. 'ऑपरेशन सिंदूर'यह बताने के लिए काफी है कि भारत जो कहता है, वह करता भी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में कहा था कि पहलगाम के हमलावर और साजिशकर्ता जहां भी होंगे उन्हें ढूंढकर सजा देंगे.उन्होंने यह घोषणा पहलगाम हमले के दो दिन बाद ही कर दी थी. उन्होंने कहा था कि सजा ऐसी होगी जिसकी कल्पना आतंक के आकाओं ने भी नहीं की होगी.'ऑपरेशन सिंदूर' पीएम मोदी के उसी बयान की लाइन पर चलाया गया ऑपरेशन था. इसमें भारत ने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल किया. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पीएम मोदी की छवि देश-विदेश में और मजबूत हुई है.
संयमित और शांत नरेंद्र मोदी
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पहलगाम आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद चलाया. इस दौरान सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई और कदम भी उठाए. इन कदमों में सिंधु जल समझौते को स्थगित करना, शार्ट टर्म वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजना, अटारी सीमा से व्यापार रोकना और उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या कम करने जैसे कदम शामिल हैं. पाकिस्तान के नेताओं के उलट पीएम मोदी ने पहलगाम हमले को लेकर केवल एक सार्वजनिक बयान दिया. बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर'शुरू होने से पहले मंगलवार को उन्होंने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान की धोखाधड़ी का जिक्र किया था. बुधवार को वो अंतरिक्ष अन्वेषण की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए नजर आए. लगा कि यह बातचीत प्री रिकॉर्डेड है. उन्होंने पाकिस्तान पर हमले का आदेश देकर यह बातचीत रिकॉर्ड की थी. लेकिन पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने कई उच्चस्तरीय बैठकें कीं. इसकी खबरें मीडिया में छाई रहीं.

Operation Sindoor: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का सफलता का जश्न मनाते लोग.
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' ऐसे समय शुरू किया, जब दुनिया पहलगाम हमले के बाद उससे संयम बरतने की अपील कर रही थी. इसकी परवाह न करते हुए भारत ने वही किया, जैसा कोई दूसरा स्वतंत्र और संप्रभु देश पहलगाम जैसे हमले के बाद करता. 'ऑपरेशन सिंदूर'के बाद आई अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी भारत की एक बड़ी जीत थीं. किसी भी देश ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. यह नए भारत और भारत की दुनिया में जमती धाक का जीता-जागता नमूना है. आज दुनिया अगर भारत की बात को गौर से सुन रही है तो इसका क्रेडिट मोदी सरकार को जाता है. मोदी सरकार में कूटनीति के मोर्चे पर हुए काम को इसका क्रेडिट जाता है. नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. यह तीसरी बार है, जब पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया गया है. इससे पहले 2016 में उड़ी हमले और 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे ही कड़े कदम उठाए थे. मोदी सरकार ने यह सब तब किया जब पाकिस्तानी नेता खुद को परमाणु हथियार संपन्न देश बता रहे थे. पीएम मोदी की सरकार ने पाकिस्तान की इन गीदड़भभकियों और ब्लैकमेलिंग की रत्ती भर भी परवाह नहीं की. सरकार ने सेनाओं को वह करने की पूरी आजादी दे दी जो उन्होंने पहलगाम का बदला लेने के लिए तय किया था. यह बदलते और मजबूत भारत का सबसे ताजा उदाहरण है. इस कार्रवाई से मोदी सरकार ने दुनिया को यह दिखा दिया कि वह न तो किसी गीदड़भभकी से डरने वाला है और न ही अंतरराष्ट्रीय दवाब में आने वाला है.यह दिखाया गया है कि भारत पर हमला कर आप दुनिया के किसी भी कोने में होंगे, हम आपको सजा देंगे. भारत के मनोबल को आप ऐसे समझ सकते हैं कि हमारी सेनाओं ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कार्रवाई की है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते पीएम नरेंद्र मोदी.
जो कहा था, उसे पूरा किया
'ऑपरेशन सिंदूर' को मंजूरी देते समय पीएम मोदी ने उन विश्लेषकों की जरा भी परवाह नहीं की जो पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर भारत के हमले का जवाब देने के लिए किसी भी हद तक जाने का दावा कर रहे थे. इस कदम से पीएम मोदी ने उन लोगों को भी जवाब दे दिया जो इस बात की आशंका जता रहे थे कि पाकिस्तान पर हमले के बाद चीन उसकी समर्थन में आगे आ जाएगा, जिसका भारत के साथ पुराना सीमा विवाद है. इस हमले से भारत ने पाकिस्तान के परमाणु संपन्न देश होने के रेटोरिक की हवा निकाल दी, जिसे हर बार उसकी सेना और वहां के नेता देते हैं. मोदी सरकार ने वही किया जिसका वादा पीएम मोदी ने मधुबनी की धरती से देश से किया था. इस कार्रवाई से यह पता चल गया है कि देश की एकता-अखंडता और सुरक्षा से मोदी सरकार किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाली है.
पीएम मोदी ने विपक्ष के हमलों को भी नाकाम कर दिया है, जो उनके सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने और जवाबी कार्रवाई में देरी पर सवाल उठा रहा था. लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर'ने उन आरोपों की निराधार कर दिया है. इसके साथ ही बीजेपी की वह छवि भी मजबूत हुई है कि वह कभी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करती है. 'ऑपरेशन सिंदूर'का वीडियो जारी कर सरकार ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय विपक्ष की ओर से सबूत मांगे जाने का जवाब दे दिया है. बिना सबूत के विपक्ष बालाकोट हमले पर सवाल उठा रहा था. इस बार उसे ऐसा करने का मौका नहीं मिलेगा.
मोदी राज में कितना मजबूत हुआ है भारत
नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा के मामलों में देश को लंबी अवधि के लिए तैयार किया है. इससे जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ी है. इसे इस तथ्य से समझ सकते हैं कि 'ऑपरेशन सिंदूर'को भारत के शेयर बाजार में बहुत सहजता से लिया. इसके पीछे बहुत बड़ा हाथ भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का है. जिसे मोदी सरकार ने अपना कार्यकाल में बखूबी मजबूत किया है. इससे नरेंद्र मोदी और बीजेपी की राजनीतिक पूंजी बहुत मजबूत हुई है.
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