पश्चिम बंगाल में त्योहारी सीजन में अब से सिर्फ ग्रीन पटाखों के लिए ही लाइसेंस दिया जाएगा. कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में बंगाल सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से त्योहारी सीजन में सिर्फ ग्रीन पटाखों का लाइसेंस जारी करने को कहा है.
फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विस डिपार्टमेंट ने 19 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा है कि राज्य में अगले आदेश तक ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उन्हें जलाने पर ‘पूर्ण प्रतिबंध' लागू रहेगा.
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि काली पूजा और दीवाली में शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक, छठ पूजा के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक, क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या पर रात 11:55 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘...पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विभाग से उचित सलाह लेने के बाद, यह सामने आया है कि पेस्को (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन) लाइसेंस धारित द्वारा बनाए ऐसे पटाखे जो सीएसआईआर-एनईईआरआई से प्रमाणित हों, जिनपर छपे क्यूआर कोड की मदद से उनकी प्रमाणिकता की जांच की जा सकती हो, को ही मौजूदा हालात में बिक्री और जलाने के योग्य माना जाएगा.''
पर्यावरण मंत्री मानस भुइयां ने पहले कहा था कि अदालत ने ध्वनि को लेकर कोई निर्दिष्ट नहीं किया था, यह कहते हुए कि विभाग केवल नीरी और पेसो द्वारा प्रमाणित हरी पटाखे का उपयोग करने के निर्देश का पालन करेगा. भुइयां ने कहा था कि विशेषज्ञ तमिलनाडु के शिवकाशी से आयात की जाने वाली हरित पटाखे की अनुमति देने में मदद करेंगे. राय ने दावा किया कि पूरे बंगाल में 14 आतिशबाजी इकाइयों के पास पहले से ही हरित पटाखे बनाने का लाइसेंस है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं