जोशीमठ मामले को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि हमने अभी सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि ये माहौल न बनाएं कि जोशीमठ खत्म हो रहा है. यहां बस 25% घरों में दरारें हैं, उन्हें खाली करा लिया गया है. हमारे लोगों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है. अगर डर का माहौल रहेगा तो पर्यटक नहीं आएंगे. अभी चार महीने बाद चार धाम की यात्रा भी है. लोग धीरे धीरे संतुष्ट हो रहे हैं.
NDTV से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि हमने जो 1.5 लाख की फौरी राहत घोषित की है वो आज शाम तक लोगों के खातों में आ जाएगी. हम आगे और राहत राशि देंगे. हमने सरकार और जनप्रतिनिधियों की एक कमेटी बना दी है जो मुआवज़े को लेकर बात कर रही है. ये दरारें क्यों आई हैं अभी उसका अध्ययन चल रहा है. केंद्र, राज्य, वाडिया इंस्टीट्यूट और NDRF के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. हम जोशीमठ के अलावा दूसरे उत्तराखंड के शहरों पर भी भार का आकलन कर रहे हैं. हम लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि उनके साथ हैं. हमने जोशीमठ के बाहर पहाड़ काटने की घटना का संज्ञान लिया है.
इससे पहले जोशीमठ में मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा. उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है.
वहीं, बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा राशि की मांग को लेकर अड़े स्थानीय लोगों ने असुरक्षित घोषित की जा चुकी इमारतों को तोड़ने की कार्रवाई में बाधा पहुंचाई. प्रभावित परिवारों के बीच पैकेज राशि के वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर सुनिश्चित करने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के रूप में चिह्नित किया गया है, जिनमें से बुधवार तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया.
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