OBC 127th Constitution Amendment Bill Discussion : संसद के मानसून सत्र (Lok Sabha Monsoon Session) के आखिरी सप्ताह में सरकार की ओर से ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू की गई. यह संविधान संशोधन विधेयक ओबीसी सूची (OBC List) बनाने का अधिकार राज्यों को देता है. लोकसभा में समाज कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने चर्चा की शुरुआत की. कांग्रेस, टीआरएस, टीएमसी, बसपा, सपा, एनसीपी समेत तमाम विपक्षी दलों ने भी सरकार का समर्थन किया, लेकिन 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को लेकर सवाल उठाए और इस सीमा को बढ़ाए जाने की आवाज बुलंद की. संसद के मानसून सत्र के शुरुआती हफ्तों में ज्यादातर हंगामे की वजह से कोई कामकाज नहीं हो सका है. पेगासस जासूसी (Pegasus SPY Scandal) कांड, महंगाई और किसान आंदोलन (Farmers Protest) जैसे मुद्दों पर विपक्षी दल लगातार हंगामा कर रहे हैं. मोदी सरकार और विपक्ष दोनों लगातार ये कह रहे हैं कि वे चर्चा को तैयार हैं, लेकिन ऐसा होते नहीं दिख रहा. हालांकि ओबीसी सूची (OBC List) से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा औऱ उसे पारित कराने पर सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति बन जाने के संकेत मिले हैं. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार सत्र के अगले बचे कुछ दिनों में ये बिल पारित करा लेगी. इसे यूपी विधानसभा चुनाव के पहले पिछड़ा वर्ग को लुभाने की सरकार की एक बड़ी कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. इससे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो सकता है. वहीं राज्यों में आरक्षण संबंधी अन्य दुविधाएं दूर हो सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा था कि ओबीसी सूची बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है,इससे मराठा आरक्षण की राह में अड़ंगा लग गया था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य विपक्षी दलों के नेता संविधान संशोधन के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगा चुके हैं.
लोकसभा में भी ओबीसी संशोधन बिल पास हो गया. अब राज्यों को ये हक़ मिल गया है कि वे ओबीसी की अपनी लिस्ट बनाएं. ये बहुत पुरानी मांग थी जिस पर पक्ष-विपक्ष साथ थे. मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में ऐसा बहस पहली बार दिखी. सरकार अपनी बात कहती रही और विपक्षी सांसद अपनी सीट पर बैठकर बहस सुनते रहे. कहीं कोई हंगामा नहीं, कहीं नारेबाजी नहीं. मौका था 127वें संविधान संशोधन बिल पर चर्चा का. इस बिल के जरिए राज्यो को अधिकार मिलेगा कि वो अपने क्षेत्र के हिसाब से ओबीसी लिस्ट बना सकें.
Constitutional Amendment Bill In Lok Sabha : आईयूएमएल सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी और सीपीएम के अलपुझा से सांसद एएम आरिफ ने संविधान संशोधन बिल पर अपनी बात रखी.
ALL India Trinamool Congress के नेता कल्याण बनर्जी ने संविधान संशोधन का समर्थन करते हुए कहा कि राज्यों को और अधिकार मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सही तथ्य सदन में नहीं रखे. क्रीमीलेयर की अवधारणा सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी केस से आई. किसी सरकार ने ये नहीं किया था.
Parliament Monsoon Session : BJP सांसद संजय जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाया. जायसवाल ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस नेता कहते हैं कि कांग्रेस जिम्मेदार पार्टी है, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर उनके नेता कश्मीर का दौरा कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी पार्टी की तरफ से इस संविधान संशोधन विधेयक (Constitution 127th Amendment Bill, 2021) का समर्थन किया. अखिलेश ने कहा कि राज्यों को OBC सूची बनाने का अधिकार देना अच्छा है, लेकिन 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने बीजेपी पर जातियों में मतभेद फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूपी में सपा सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएगी.
यूपी से बसपा सांसद रीतेश पांडेय ने भी संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. रीतेश पांडेय ने हालांकि BJP पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सवर्णों और पिछड़े वर्गों के बीच आरक्षण की बात हो रही है, लेकिन पर्दे के पीछे नौकरियों को खत्म करने का खेल चल रहा है. उन्होंने मायावती और कांशीराम द्वारा मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए किए गए संघर्ष की याद भी दिलाई.
Constitution 127th Amendment Bill : NCP नेता और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उनके सुझाव को मानने को लेकर वो सरकार का आभार व्यक्त करती हैं. सुले ने कहा कि सरकार को 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को लेकर आ रहे अवरोध को भी दूर करने की मांग की. साथ ही हर तीन साल में क्रीमीलेयर की समीक्षा करने की मांग की.
लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज (LJP Prince Raj) ने कहा कि उनकी पार्टी ओबीसी (OBC List) संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करती है. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को याद किया. राज ने कहा कि मोदी सरकार दलितों, पिछड़ों के अधिकारों के बारे में सोचती है. उन्होंने सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक स्वतंत्रता भी दिए जाने की वकालत की. उन्होंने उम्मीद जताई कि गुजरात में पटेलों, महाराष्ट्र में मराठा, हरियाणा में जाट समुदाय को आरक्षण का लाभ दिया जा सकेगा.
OBC 127th Constitution Amendment Bill : BJD और TRS ने भी संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. टीआरएस सांसद ने कहा कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक सीमित होने के कारण आगे भी दिक्कत आएगी. लेकिन उनकी पार्टी संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करती. उन्होंने ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय बनाने की मांग रखी.
OBC 127th Constitution Amendment Bill 2021 : बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 1993 में बैकवर्ड कमीशन (Backward Commission) के लिए आय़ोग बना और क्रीमीलेयर को बढ़ाने का काम भी अटल जी की सरकार ने 2004 में किया. पिछड़े वर्ग आय़ोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी मोदी सरकार ने किया. दस साल तक यूपीए सरकार ने तमाम दलों की मांग के बावजूद ऐसा नहीं किया. क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने का काम भी मोदी सरकार ने किया.
OBC Constitutional Amendment Bill बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव (BJP MP Bhupendra Yadav) ने कहा कि मोदी सरकार से ज्यादा पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए किसी भी सरकार ने कदम नहीं उठाए. यादव ने कहा कि काका कालेलकर समिति की सिफारिशों को 40 साल तक लागू नहीं कर कांग्रेस ने न्याय नहीं किया. जनता पार्टी के शासन में मंडल आय़ोग की रिपोर्ट आने के बाद भी पिछड़े वर्ग को कांग्रेस ने 6 साल तक इसे लटकाए रखा. फिर विपक्ष की सरकार आई तो कांग्रेस के तत्कालीन विपक्ष के नेता ने इसे विरोध किया था.
जेडीयू राजीव रंजन सिंह ने कहा कि 127वां संविधान संशोधन विधेयक (OBC Constitution Amendment Bill Discussion) सरकार की ओबीसी के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सरकार की नीयत साफ है और इस कारण लगातार सुधार हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद सरकार ओबीसी के लिए यहबिल लेकर आई है. जेडीयू सांसद ने इस दौरान जातीय जनगणना की मांग उठाई औऱ 1931 के बाद 2021 के बाद दोबारा ऐसी जनगणना की आवाज बुलंद की.