केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी की सूची (OBC List ) बनाने का अधिकार राज्यों को देने के लिए जरूरी बदलाव करने के संकेत दिए हैं. इसके लिए संसद के मानसून सत्र में सोमवार को संविधान संशोधन विधेयक (Constitution Amendment Bill) पेश किया जाएगा. पिछले सप्ताह केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी. इससे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) का रास्ता साफ हो सकता है. साथ ही अन्य राज्यों में भी आरक्षण को लेकर जारी दुविधाएं खत्म हो सकती हैं. हालांकि संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच इस संविधान संशोधन बिल को पारित कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा.
Parliament Monsoon Session: 13 दिन जोरदार हंगामा, फिर भी संसद में पास हुए 25 विधेयक
दरअसल, इस साल 5 मई को मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि ओबीसी सूची बनाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस पर पुनर्विचार को कहा थ लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया था.संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. पेगासस जासूसी कांड, महंगाई, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
लेकिन माना जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण बिल को पारित कराने के लिए विपक्ष सहयोग देगा.संविधान संशोधन बिल पारित करने के लिए सदन में शांति होनी जरूरी है. उपस्थित सांसदों का दो तिहाई बहुमत और मतदान प्राप्त होना चाहिए और सभी सदस्यों (उपस्थित या अनुपस्थित) का साधारण बहुमत प्राप्त होना चाहिए.
मोदी सरकार ने हाल ही में मेडिकल एजुकेशन में केंद्रीय कोटे में ओबीसी वर्ग को भी आरक्षण देने का फैसला किया था. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद विस्तार में भी ओबीसी के प्रतिनिधित्व पर खास तवज्जो दी थी. पीएम मोदी ने 27 ओबीसी चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह दी थी.
इसे यूपी विधान सभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) से पहले मोदी सरकार (Modi Government) अन्य पिछड़ा वर्ग पर बड़ा दांव माना जा रहा है. कैबिनेट की बैठक में संविधान संशोधन बिल को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है. इस विधेयक को इसी मानसून सत्र में पारित कराने की तैयारी है, ताकि विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ हमलावर विपक्ष के हमलों की धार कुंद की जा सके.
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