डॉक्टर बनकर अपने गांव को मदद देने के लिए संकल्पित उत्तर प्रदेश की 12 साल की सुनयना रावत की सहायता करने के लिए धन्यवाद.
आप जैसे सैकड़ों लोगों ने सुनयना की शिक्षा के लिए उदारता के साथ दान दिया और हमें इसके लिए 31,54,879 रुपये एकत्रित करने में मदद की. उसका परिवार, उसका गांव और कई अन्य लोग आपके सहारा बनने पर विनम्रता के साथ आपके आभारी हैं. इससे साथ उसके 11 साल के भाई आशीष को भी मदद मिल गई है जो कि सुनयना के साथ अब नए स्कूल में जाने लगा है.
सुनयना के लिए NDTV ने मई में कैम्पेन शुरू किया था और जुलाई में उसके घर से 35 किलोमीटर दूर लखनऊ के प्रेरणा गर्ल्स स्कूल (स्टडी हॉल एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित) में उसका एडमीशन हो गया.
सुनयना कहती है कि वह एक डॉक्टर बनना चाहती है क्योंकि उसके गांव के लोग स्वास्थ रहने के लिए खर्च नहीं उठा सकते.
वह छठवीं कक्षा में है और अपने सभी विषयों में रुचि ले रही है. उसका भाई भी उसी स्कूल में पढ़ने लगा है. ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि सुनयना नए स्थान पर जाने पर भावनात्मक रूप से कम से कम प्रभावित हो.
उसे और उसके भाई को सुबह 10 बजे घर से लेने के लिए एक स्पेशल वेन की व्यवस्था की गई है. वे सुबह 11:30 बजे स्कूल पहुंचते हैं और दोपहर 12 से 1: 30 बजे तक अंग्रेजी और गणित की ट्यूशन लेते हैं. इसके बाद वे 1: 30 बजे से शाम 6 बजे तक नियमित कक्षाओं में पढ़ते हैं. इसके बाद वेन उन्हें वापस घर छोड़ देती है.
सुनयना अपने नए स्कूल से प्यार करती है और अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.
दो सप्ताह पहले जब NDTV ने सुनयना से उसके नए स्कूल में मुलाकात की तो उसने कहा 'मुझे स्कूल में आकर अच्छा लग रहा है. टीचर मुझे कोर्स को समझने में मदद कर रहे हैं. मैं कड़ी मेहनत करूंगी तभी अपना डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकूंगी.'
स्कूल के प्रिंसिपल इस लड़की की जमकर तारीफ करते हैं. उन्होंने कहा 'सुनयना बहुत उत्साही है और बहुत तेजी से सीख रही है. हम अंग्रेजी, हिंदी और गणित में उसके बुनियादी कौशल को विकसित करने पर काम कर रहे हैं और यह देखकर खुश हैं कि वह अब कक्षा छठवीं के अपने सहपाठियों के साथ सीख रही है. हालांकि अभी तो उसे बहुत कुछ सीखना है.'
सुनयना और उसका भाई आशीष.
आपकी राशि का उपयोग सुनयना और आशीष के स्कूल की फीस, ट्यूशन, ट्रांसपोर्ट, स्कूल यूनफार्म, पुस्तकों और स्टेशनरी के लिए किया जा रहा है.
इस कैम्पेन में नॉलेज पार्टनर "सेव द चिल्ड्रन" (बाल रक्षा भारत), एक गैर-सरकारी संगठन है, जो सुनयना के स्कूल के साथ लॉजिस्टिक्स और समन्वय का काम कर रहा है. सन 1919 में स्थापित, सेव द चिल्ड्रन यह सुनिश्चित करने के लिए 100 वर्षों से कार्य कर रहा है कि प्रत्येक बच्चा अपनी वास्तविक क्षमता को प्राप्त कर सके. यह भारत में 19 राज्यों में काम कर रहा है और सबसे बड़े बाल अधिकार संगठनों में से एक है, जो प्रत्येक बच्चे को जीवित रहने, सीखने और हिंसा और नुकसान से बचाना सुनिश्चित करता है.
डॉक्टर सुनयना को शिक्षित करने के आपके प्रयास के लिए फिर से धन्यवाद. हम आपको बताते रहेंगे.
VIDEO : सुनयना ने एनडीटीवी से साझा किया अपना सपना
Disclaimer: New Delhi Television Limited is helping spread awareness of this child's need for an education. The donations are received by a Trust called the “Gargi & Vidya Prakash Dutt Foundation” and shall be utilized according to a plan prepared and monitored by the NGO “Save the Children” (Knowledge Partner) with external audits. The funds are paid directly to the “Study Hall Education Foundation” where the child is now being educated. NDTV cannot monitor the use of funds/donations nor shall be liable for any claim(s) made by any person or entity, including any statutory or governmental authority arising out of the misappropriation of funds.
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