विज्ञापन

NDTV की पहल पर अभिजोत की मदद करेंगे सोनू सूद, बोले- मैं उसके परिवार से मिलूंगा, खुशी है कि उसे ज़रूरी...

बाढ़ प्रभावित पंजाब में किडनी की समस्या से जूझ रहे आठ साल के एक बच्चे को एनडीटीवी के एक अभियान के बाद सभी ज़रूरी चिकित्सा सहायता मिल सकेगी. अभिजोत सिंह नेफ्रोनिक सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित है.

NDTV की पहल पर अभिजोत की मदद करेंगे सोनू सूद, बोले- मैं उसके परिवार से मिलूंगा, खुशी है कि उसे ज़रूरी...
NDTV की पहल पर अभिजोत की मदद करेंगे सोनू सूद
नई दिल्ली:

बाढ़ प्रभावित पंजाब में किडनी की समस्या से जूझ रहे आठ साल के एक बच्चे को एनडीटीवी के एक अभियान के बाद सभी ज़रूरी चिकित्सा सहायता मिल सकेगी. अभिजोत सिंह नेफ्रोनिक सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित है और उसे इलाज के लिए लगभग हर दो महीने में चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल जाना पड़ता है. उसका गांव अमृतसर ज़िले के अजनाला ब्लॉक में तलवंडी राय दादू - बाढ़ के कारण पूरी तरह से कट गया है. इससे परिवार ने अपनी आय का एकमात्र स्रोत खो दिया है क्योंकि उनके खेत जलमग्न हो गए हैं और फ़सलें बर्बाद हो गई हैं. लेकिन एनडीटीवी द्वारा उसकी दुर्दशा को सामने लाने के बाद, मुख्यमंत्री भगवंत मान और बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने अभिजोत के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. बच्चे को अब अजनाला बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. जहां एम्स दिल्ली के डॉक्टर उसकी जांच करेंगे. उसे जल्द ही उन्नत देखभाल के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया जाएगा.

Latest and Breaking News on NDTV

सोनू सूद ने एनडीटीवी से कहा, "मुझे खुशी है कि अभिजोत को ज़रूरी चिकित्सा सहायता मिल जाएगी. मैं कल पंजाब जा रहा हूं. मैं उसके परिवार से भी मिलूंगा." उन्होंने आगे कहा, "मैं ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचना चाहता हूं और यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि उन्हें अपनी रोज़ी-रोटी वापस मिले." अभिनेता ने कहा, "कई गांवों में कई अभिजोत होंगे. इसलिए हमें ज़रूरतमंद लोगों की पहचान करनी होगी." उन्होंने ज़रूरतमंदों की मदद करते समय व्यक्तिगत संपर्क के महत्व पर भी ज़ोर दिया.

सोनू सूद ने कहा, "व्यक्तिगत संपर्क होना बहुत ज़रूरी है. जब आप किसी परिवार से मिलते हैं, तो आपको असली समस्या का पता चलता है... इसलिए जब आप इन गांवों में जाते हैं और 100 परिवारों से मिलते हैं, तो आप शायद सिर्फ़ 20 लोगों की ज़िंदगी बदल पाएंगे. लेकिन बाकी 80 लोगों को भी कुछ उम्मीद मिलेगी, क्योंकि उन्हें पता चलेगा कि उनके मुश्किल समय में कोई उनके साथ था. उनका हाथ थामना और उन्हें यह बताना ज़रूरी है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम इसे पूरा करेंगे."उनकी बहन और सामाजिक कार्यकर्ता मालविका सूद, जो बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए ज़मीनी स्तर पर काम कर रही हैं,उन्होंने इस मुश्किल समय में लोगों को उनकी ज़रूरत की चीज़ें दिलाने के लिए अपनाई गई रणनीति के बारे में बताया.

"पंजाब में हालात वाकई बहुत खराब हैं. कई गांव ऐसे हैं, जहां सड़कों का जलस्तर 10 से 15 मीटर ऊंचा है. उन्हें एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नाव की ज़रूरत पड़ती है. कल मैं इस गांव में गई थी और मुझे इस गांव तक पहुंचने में डेढ़ घंटे लग गए. पूरा गांव जलमग्न था. मुझे उन्हें ज़रूरी चीज़ें देने में पूरा दिन लग गया." लेकिन किसी भी गांव में जाने से पहले, हम गांव के परिवारों की एक सूची ज़रूर बनाते हैं. हम सरपंच को बुलाकर सूचियां बनवाते हैं और फिर उन्हें ज़रूरत की चीज़ें सौंप देते हैं." उन्होंने ज़मीनी स्तर पर लोगों की ज़रूरतों का भी ज़िक्र किया, "लोगों को चिकित्सा सहायता और तुरंत भोजन की ज़रूरत है. वहां एक डॉक्टर होना चाहिए. कल, मैं एक गांव गई थी, जहां एक 25 वर्षीय महिला को सांप ने काट लिया था. दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई. नाव न होने के कारण परिवार को अस्पताल पहुंचने में घंटों लग गए. पानी के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है."

बता दें कि पंजाब में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46 हो गई है, जबकि 1.75 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर लगी फ़सलें बाढ़ में बर्बाद हो गई हैं. पंजाब दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. यह बाढ़ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी जैसी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों के उफान का नतीजा है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com