"यह युद्ध का युग नहीं...", इस एक वाक्य में PM ने दुनिया के दिल की बात कह दी : NDTV से बोले विदेशमंत्री एस जयशंकर

NDTV ने 'जी-20 की अध्यक्षता ने भारत की वैश्विक स्थिति को कैसा आकार दिया', ये समझने की कोशिश के लिए मेगा एक्सक्लूसिव सीरीज़ #DecodingG20WithNDTV आयोजित किया है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी.

नई दिल्ली:

एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है. उन्होंने कहा कि इस एक वाक्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के दिल की बात कह दी है. विदेश मंत्री NDTV के मेगा एक्सक्लूसिव सीरीज़ #DecodingG20WithNDTV में अपनी बात रख रहे थे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक राजनीति की बहुत गहरी समझ है और उनका बयान 'ये युद्ध का युग नहीं है' रूस-यूक्रेन युद्ध पर वैश्विक भावना का सार है.

एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में विदेश मंत्री ने कहा, "सिर्फ वो एक वाक्य, जो उन्होंने समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा था. एक तरह से, अगर मैं वैश्विक भावना का एक वाक्य लूं. तो वैश्विक भावना आज समाधान के रूप में संघर्ष या युद्ध की कल्पना नहीं करती है, क्योंकि हर किसी के जीवन पर इसके बहुत सारे परिणाम होते हैं. मैं कहूंगा कि उन्होंने उस एक वाक्य में, बहुत विविध देशों के विचारों को स्पष्ट कर दिया है."

जयशंकर ने पीएम मोदी को विदेश नीति में बहुत रुचि रखने वाला व्यक्ति बताया. उन्होंने कहा, "मैं उनसे पहली बार 2011 में मिला था, वह कुछ दिनों के लिए चीन में थे और मैं राजदूत था. मैंने पाया कि वह बहुत रुचि रखते थे, बहुत व्यावहारिक लेकिन सीखने के लिए बहुत इच्छुक थे, इसलिए ये उन सभी का मिश्रण था. तब से, पिछले दस वर्षों में, मैंने उनके साथ बहुत यात्राएं की हैं. उनकी बहुत सारी यात्राएं लगातार ये समझने की कोशिश कर रही हैं कि कहां क्या हो रहा है और क्या नया है. वह लगातार सर्वोत्तम प्रथाओं को देख रहे हैं."

यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत के निर्माण के लिए बहुत प्रतिबद्ध हैं, मंत्री ने कहा कि वो अत्यधिक जिज्ञासा वाले व्यक्ति हैं जो नई चीजें सीखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विदेश नीति को बहुत समय देते हैं, क्योंकि हम एक वैश्वीकृत दुनिया में रह रहे हैं.

एस जयशंकर ने कहा, "विदेश सचिव बनने के बाद ही मैं उन्हें अच्छी तरह से जान पाया. मुझे नहीं पता था कि उन्होंने पहले कितनी यात्राएं की थीं, उनके अनुभव क्या थे, उन्होंने कितना कुछ सीखा था, उनके संपर्क क्या थे. मैं अब भी लोगों को देखकर आश्चर्यचकित हूं वो जानता है और जिन स्थानों पर वो गया है. उसके पास बहुत कुछ है जो केवल वे ही जानते हैं, जो उसे अच्छी तरह से जानते हैं."

पीएम मोदी की विदेश नीति में खास रुचि- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने दुनिया में प्रधानमंत्री की रुचि के उदाहरण के रूप में भारत के जी20 की अध्यक्षता का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "हमारा आदर्श वाक्य एक परिवार, एक भविष्य है. हम अपनी अध्यक्षता वास्तव में वैश्विक तरीके से कर रहे हैं. आज, आपके पास वास्तव में कोई है, जिसने इस पर विचार किया है और कहा है, जब मैं वहां जाता हूं, तो मैं केवल 1.4 अरब भारतीयों के लिए नहीं बोल रहा हूं लेकिन मैं 125 अन्य देशों के लिए भी बोल रहा हूं, क्योंकि वे बातचीत की मेज पर नहीं हैं और उन्हें अपने लिए बोलने के लिए किसी की जरूरत है."

विदेश मंत्री ने कहा कि ये जंग का समय नहीं है. हमें एक-दूसरे को सहयोग करते हुए आगे बढ़ना होगा.

भारतीय क्षेत्रों के अपने मैप में दिखाने की चीन की हिमाकत को लेकर पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा, "ऐसा करना उनकी पुरानी आदत रही है. अक्साई चीन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं. हमारी सरकार का रुख देश के हिस्सों को लेकर बेहद साफ है. अनाप-शनाप दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो सकते"
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