नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के गठन के सिलसिले में अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
विपक्षी दलों के साथ सरकार के कुछ सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों द्वारा भी इसके विरोध में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में आवाज बुलंद करने के बाद चिदम्बरम का यह बयान आया।
दिनभर चले मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति बनाने में असफल रहने के बाद चिदम्बरम ने कहा, "एनसीटीसी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है।" उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों ने आतंकवाद निरोधक केंद्र की आवश्यकता जताई लेकिन साथ ही प्रस्तावित केंद्र की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली पर उन्होंने सवाल उठाए।
चिदम्बरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बुलाई गई इस बैठक में सवाल उठाए गए कि राज्य पुलिस को पूर्व सूचना दिए बगैर एनसीटीसी कैसे असाधारण मामलों में भी अभियान चला सकता है। साथ ही यह सवाल भी उठाए गए कि क्यों इस केंद्र को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधीन रखा जाए। उन्होंने कहा, "हम इसकी समीक्षा करेंगे और फिर सरकार अंतिम निर्णय लेगी।" उन्होंने कहा कि एनएसीटी का विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों से उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कमियों को सामान्य पुलिस अधिकारियों द्वारा नहीं भरा जा सकता।
चिदम्बरम ने कहा, "हम मानते हैं कि एनसीटीसी इस कमी को पूरा कर सकता है। एनसीटीसी नहीं तो कोई दूसरा संस्थान, जिसे शक्तियां प्रदान हों।" उन्होंने कहा, "उनके सभी सुझावों का अध्ययन किया जाएगा। मैं खुले दिमाग से इस सम्मेलन में आया था और खुले दिमाग से यहां से जा रहा हूं।"
यह पूछे जाने पर कि सम्मेलन में कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने क्या सवाल उठाए, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाया कि एनसीटीसी आईबी के अधीन क्यों होना चाहिए।
विपक्षी दलों के साथ सरकार के कुछ सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों द्वारा भी इसके विरोध में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में आवाज बुलंद करने के बाद चिदम्बरम का यह बयान आया।
दिनभर चले मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति बनाने में असफल रहने के बाद चिदम्बरम ने कहा, "एनसीटीसी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है।" उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों ने आतंकवाद निरोधक केंद्र की आवश्यकता जताई लेकिन साथ ही प्रस्तावित केंद्र की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली पर उन्होंने सवाल उठाए।
चिदम्बरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बुलाई गई इस बैठक में सवाल उठाए गए कि राज्य पुलिस को पूर्व सूचना दिए बगैर एनसीटीसी कैसे असाधारण मामलों में भी अभियान चला सकता है। साथ ही यह सवाल भी उठाए गए कि क्यों इस केंद्र को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधीन रखा जाए। उन्होंने कहा, "हम इसकी समीक्षा करेंगे और फिर सरकार अंतिम निर्णय लेगी।" उन्होंने कहा कि एनएसीटी का विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों से उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कमियों को सामान्य पुलिस अधिकारियों द्वारा नहीं भरा जा सकता।
चिदम्बरम ने कहा, "हम मानते हैं कि एनसीटीसी इस कमी को पूरा कर सकता है। एनसीटीसी नहीं तो कोई दूसरा संस्थान, जिसे शक्तियां प्रदान हों।" उन्होंने कहा, "उनके सभी सुझावों का अध्ययन किया जाएगा। मैं खुले दिमाग से इस सम्मेलन में आया था और खुले दिमाग से यहां से जा रहा हूं।"
यह पूछे जाने पर कि सम्मेलन में कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने क्या सवाल उठाए, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाया कि एनसीटीसी आईबी के अधीन क्यों होना चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं