चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) के मुद्दे पर विपक्ष AIADMK के रुख पर पलटवार करते हुए, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK ने कहा कि उसने दानदाताओं के नामों का पारदर्शी रूप से खुलासा किया है और साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एमके स्टालिन सरकार ने डोनेशन के बदले में कोई रियात नहीं दी है.
ED की रडार पर हैं लॉटरी किंग
भारत के चुनाव आयोग द्वारा डेटा जारी करने पर सामने आया है कि डीएमके को फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विर ने चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक 509 करोड़ का डोनेशन दिया है. इतना ही नहीं फ्यूचर गेमिंग के मालिक सैंटियागो मार्टिन, जिन्हें लॉटरी किंग के नाम से भी जाना जाता है, प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं.
AIADMK के हमले पर DMK ने किया पलटवार
चुनाव आयोग द्वारा डेटा जारी करने के कुछ देर बाद ही डीएमके की प्रतिद्वंदी AIADMK ने डोनेशन को लेकर पार्टी पर हमला किया. तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता और एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ डीएमके सरकार के कानून का हवाला दिया और कहा, "राज्य सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला एक नाममात्र, कमजोर कानून बनाया और लोगों की जिंदगियों को गिरवी रखने वाली एक जुआ कंपनी से शर्मनाक तरीके से नकदी प्राप्त की."
डीएमके सांसद ने खारिज किए सभी आरोप
इन आरोपों को खारिज करते हुए डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि एमके स्टालिन सरकार ने लंबे संघर्ष के बाद ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कानून बनाया है और गेमिंग कंपनी को कोई रियायत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा, "यह राज्यपाल ही थे जिन्होंने कानून को मंजूरी देने में देरी की और सरकार ने इसे दोबारा लागू कराया. यह राज्यपाल ही थे जिन्होंने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के मालिकों से मुलाकात की."
AIADMK 2021 में ऑनलाइन गेमिंग पर बैन के लिए लाई थी कानून
2021 में तत्काल AIADMK सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाली एक कानून लेकर आई थी. इस कानून को बाद में मद्रास उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था. इसके बाद 2022 में एमके स्टालिन सरकार सत्ता में आ गई और उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग पर गौर करने के लिए रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. इसी के आधार पर एक नया बिल पेश किया गया था और इसे सदन में मंजूरी मिल गई थी. कुछ समय बाद राज्यपाल ने इसे अपनी सहमति दे दी थी. हालांकि, बाद में इस कानून को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी और अदालत ने इसे रद्द करने से इनकार कर दिया था लेकिन साथ ही अदालत ने कहा था यह कानून रम्मी जैसे कौशल के खेल पर लागू नहीं होगा.
चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया डेटा
सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर चुनावी बॉन्ड के खुलासे ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है, अधिक जानकारी सामने आने के बाद से ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी को अब खत्म हो चुके चुनावी बॉन्ड के जरिए 6,986 करोड़ मिले जो सभी पार्टियों में सबसे अधिक है. तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 1,334 करोड़ रुपेय प्राप्त हुए हैं. चुनाव निकाय ने राजनीतिक दलों द्वारा बॉन्ड के जरिए प्राप्त हुई डोनेशन की जानकारी भी जारी की है. इसमें DMK समेत 10 पार्टियों ने डोनेशन देने वाले डोनर के नाम के साथ उकने द्वारा दी गई राशि के बारे में भी बताया है.
चुनावी बॉन्ड डेटा के खुलासे के बाद से एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं पार्टी
तमिलनाडु में इस खुलासे से राजनीतिक हमले और जवाबी हमले शुरू हो गए हैं. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड ने भाजपा के "सफेदपोश भ्रष्टाचार" को बढ़ावा दिया है. कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने कहा है कि "गलत कमाई का पैसा ईडी और सरकारी खजाने में नहीं गया, जैसा कि दावा किया गया है, बल्कि जबरन वसूली के जरिए बीजेपी के पास गया".
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