
अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में चेन्नई की एक अदालत ने पिछले हफ्ते दोषी ठहराए गए व्यक्ति को 30 साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद सत्तारूढ़ डीएमके और मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है. तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एआईएडीएमके के ई पलानीस्वामी ने एमके स्टालिन सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने जांच जल्द खत्म करवा दी ताकि आरोपी के उस कथित करीबी को बचाया जा सके, जिसका जिक्र एफआईआर में 'सर' कहकर किया गया है.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने जवाब दिया कि अदालत ने पुलिस जांच की सराहना की है. उन्होंने आगे कहा कि इससे उन लोगों का पर्दाफाश हो गया है, जो इस दुखद घटना से राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे. चेन्नई की एक महिला अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न मामले में बिरयानी विक्रेता और डीएमके समर्थक ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें इस घटना को लेकर चेन्नई में भारी आक्रोश था. अदालत ने ज्ञानशेखरन को यौन उत्पीड़न, बलात्कार, धमकी और अपहरण सहित सभी 11 आरोपों में दोषी पाया. वैसे उसने अपनी बुजुर्ग मां और आठ साल की बेटी की देखभाल के लिए घर पर रहने की जरूरत का हवाला देते हुए राहत की गुहार लगाई थी.
यह घटना 23 दिसंबर को हुई थी. ज्ञानशेखरन ने कैंपस में घुसकर सबसे पहले 19 वर्षीय पीड़िता की सहेली पर हमला किया. इसके बाद युवती का यौन शोषण किया और बाद में ब्लैकमेल करने के लिए इस कृत्य का वीडियो भी बनाया. आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया.
अदालत के फैसले के बाद AIADMK के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि एमके स्टालिन सरकार ने आरोपियों को बचाने के लिए कई चालें चलीं. उन्होंने कहा कि लोगों के आंदोलन की वजह से ही दोषसिद्धि संभव हो पाई. एफआईआर में 'सर' के उल्लेख का हवाला देते हुए AIADMK नेता ने पूछा कि जांच के दौरान इस व्यक्ति की संलिप्तता को क्यों खारिज किया गया?
पलानीस्वामी ने कहा कि डीएमके सरकार ने सिर्फ ज्ञानशेखरन ही दोषी है कहकर इस मामले को खत्म करने में जल्दबाजी क्यों दिखाई? 'सर' को कौन बचा रहा है. एक बार एआईएडीएमके सरकार बन जाने पर सभी उत्तर उपलब्ध हो जाएंगे.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस पर तीखा जवाब दिया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है और उन लोगों को चुप करा दिया है जो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित होने का दिखावा करते हैं.
उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमने चेन्नई की छात्रा के मामले को निष्पक्ष और तेजी से मात्र पांच महीने में पूरा किया है और अपराधी को कड़ी सजा दिलाई है, जिसकी खुद उच्च न्यायालय ने भी सराहना की है. वूमेन कोर्ट ने भी इस मामले में पुलिस के काम की प्रशंसा की है, क्योंकि फैसला सुनाया जा चुका है. इसने सीमित बुद्धि वाले कुछ लोगों की सोच को शर्मसार कर दिया है, जो एक युवा महिला के साथ हुए अन्याय से भी राजनीतिक लाभ की तलाश में रहते हैं.