राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कैमूर जिले में सार्वजनिक रूप से दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा एक बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई किए जाने के कथित मामले में बिहार सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने ‘‘अपने अधिकार का अतिरेक प्रयोग किया'' और इस तरह से व्यवहार किया, जो किसी भी रूप में सरकारी कामकाज से जुड़ा नहीं था.
बुजुर्ग एक निजी स्कूल में पढ़ाते हैं
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है कि ‘‘बिहार के कैमूर जिले में 20 जनवरी को दो महिला पुलिसकर्मियों ने सार्वजनिक रूप से 70 साल के बुजुर्ग को लाठियों से पीटा.'' बयान के अनुसार, बुजुर्ग एक निजी स्कूल में पढ़ाते हैं और स्कूल से लौटने के दौरान उनकी साइकिल फिसलकर गिर गई, जिससे सड़क पर जाम लग गया. बयान के अनुसार, बुजुर्ग व्यक्ति सड़क से उठने का प्रयास कर ही रहे थे कि महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटना शुरू कर दिया. पीड़ित बुजुर्ग की पहचान नवल किशोर पांडे के रूप में की गई है.
बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस
आयोग ने मीडिया में आई खबरों की सामग्री और सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे घटना के वीडियो पर भी संज्ञान लिया. बयान के अनुसार, घटना में पीड़ित के जीवन के अधिकार और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन हुआ है. बयान में कहा गया है कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए और उन्हें संवेदनशीलता तथा मानवीयता से स्थिति को सुलझाने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. बयान के अनुसार, आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और बिहार के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.
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