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तब फूट-फूटकर रोए थे चंद्रबाबू नायडू...खाई थी कसम, जानें क्या हुआ था ऐसा और कैसे पूरी की प्रतिज्ञा

चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं. मगर पिछले पांच साल उनके लिए सबसे खराब रहे. स्थिति यह थी कि वह सार्वजनिक रूप से फूट-फूटकर रोए थे. आज उन्होंने अपनी एक कसम भी पूरी कर ली.

तब फूट-फूटकर रोए थे चंद्रबाबू नायडू...खाई थी कसम, जानें क्या हुआ था ऐसा और कैसे पूरी की प्रतिज्ञा
चंद्रबाबू नायडू आज शपथ पूरा कर ढाई साल बाद आंध्र प्रदेश विधानसभा पहुंचे.

"मैं सत्ता में लौटने तक सदन से दूर रहूंगा." इस प्रतिज्ञा के साथ टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू नवंबर 2021 में तत्कालीन सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों के साथ भावनात्मक और तीखी नोकझोंक के बाद आंध्र प्रदेश विधानसभा से चले गए थे. आज लगभग ढाई साल बाद नायडू ने शुक्रवार को अपनी प्रतिज्ञा पूरी की और राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में आंध्र प्रदेश विधानसभा में लौट आए. अपने से बहुत छोटे जगन मोहन रेड्डी के हाथों अपमानजनक हार झेलने के पांच साल बाद नायडू ने सहयोगी भाजपा और जनसेना पार्टी (जेएनपी) के साथ मिलकर अपनी पार्टी को आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की.

प्रेस कांफ्रेंस कर रो पड़े थे
विधानसभा में हुए अपमान को लेकर 19 नवंबर 2021 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंद्रबाबू नायडू रो पड़े थे. उसके बाद उन्होंने कसम खायी थी कि जब तक वो राज्य विधानसभा चुनाव जीत नहीं जाएंगे तब तक विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे. नायडू अपनी पत्नी को लेकर हुए टिप्पणियों से आहत थे. नायडू अपनी पत्नी को लेकर हुए टिप्पणियों से आहत थे. टीडीपी अध्यक्ष ने कहा था कि उन्होंने पिछले ढाई साल में सभी अपमान सहन किए लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने सारी हदें पार कर दीं. उन्होंने कहा था कि किसी भी महिला के बारे में बुरा बोलना उस व्यक्ति के चरित्र पर ही असर डालता है.नायडू ने कहा था कि उनकी पत्नी ने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया, यहां तक ​​कि जब उनके पिता (एनटी रामाराव) मुख्यमंत्री थे और जब वह (नायडू) लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. 

बाद में नायडू ने इस मामले को महिला आयोग के समक्ष भी उठाया था. साथ ही पुलिस केस भी दर्ज करवाया था. नायडू ने कहा था कि आंध्र प्रदेश विधानसभा में आज जो कुछ हुआ, वह महाभारत में पांडवों की मौजूदगी में कौरवों द्वारा द्रौपदी के साथ छेड़छाड़ जैसा था. 
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आज क्या-क्या हुआ?
आंध्र प्रदेश में 16वीं विधानसभा का पहला सत्र शुक्रवार को नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ. तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायक जी बुचैया चौधरी ने अस्थाई अध्यक्ष के तौर पर सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की. अमरावती के वेलागापुडी स्थित विधानसभा कक्ष में सुबह नौ बज कर 45 मिनट पर सत्र शुरू हुआ. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ढाई साल से अधिक समय के बाद सत्र में शामिल हुए. अभिनेता-राजनेता और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने अपने 16 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार पीथापुरम विधानसभा सीट से विधायक और उपमुख्यमंत्री के तौर पर सदन में प्रवेश किया. इस सत्र में विधानसभा के नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा. तेदेपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता और नरसीपट्टनम के विधायक सी अय्यन्नापतरुदू को विधानसभा अध्यक्ष चुना जा सकता है. सबसे पहले मुख्यमंत्री एवं कुप्पम से विधायक चंद्रबाबू नायडू ने शपथ ली, उनके बाद उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शपथ ली. शपथ लेने के बाद नायडू अस्थाई अध्यक्ष के आसन के समीप गए और दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया. आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 175 सदस्यीय सदन में 164 सीटें जीती हैं.

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