भारत के पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar unrest)में 2021 में सेना के तख्तापलट (Myanmar Coup) के बाद से लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां के चिन राज्य के सीमावर्ती इलाकों में विद्रोही समूहों और जुंटा आर्मी के बीच हालिया लड़ाई के बाद इससे सटे भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में स्थिति अभी तनावपूर्ण है. मिजोरम पुलिस और असम राइफल्स ने सीमावर्ती इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा तैनात की है. म्यांमार से बड़ी तादाद में शरणार्थी मिजोरम आ रहे हैं. इसी बीच विद्रोही समूहों ने एक आर्मी कैंप को निशाना बनाया, जिसके बाद म्यांमार के कई सैनिक मिजोरम आ गए. इस बीच भारतीय सेना के पूर्वी कमान में सबसे बड़े अधिकारी ने कहा है कि 1643 किलोमीटर लंबी म्यांमार सीमा की रक्षा करने वाली असम राइफल्स (Assam Rifles) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे न सिर्फ देश में शरण लेने वाले ग्रामीणों, बल्कि म्यांमार के सैन्य कर्मियों (Myanmar Army Personnel)को भी प्रवेश की अनुमति दें.
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-In-C) लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने पिछले हफ्ते म्यांमार से 5000 शरणार्थियों के भारत में प्रवेश करने और म्यांमार आर्मी 60 सैनिकों को म्यांमार वापस सौंपे जाने के मद्देनजर ये बयान दिया.
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मिजोरम के जरिए भारत में प्रवेश कर रहे शरणार्थी
ज्यादातर शरणार्थी मिजोरम के जरिए भारत में प्रवेश कर रहे हैं. इनकी जनजातियां म्यांमार के लोगों के साथ एक मजबूत जातीय संबंध साझा करती हैं. कुछ शरणार्थी मिजोरम के अलावा संघर्षग्रस्त मणिपुर से भी आ रहे हैं. नागालैंड और मणिपुर समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ म्यांमार की 1640 किलोमीटर की सीमा मिलती है.
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सीमा पार करने वाले कई लोगों के पास से प्रतिबंधित दवाएं बरामद
अधिकारी ने कहा, "हमने आने वाले लोगों के पास से बहुत सारी प्रतिबंधित दवाएं और नशीले पदार्थ बरामद किए हैं. इसलिए हम नशीली दवाओं के तस्करों पर बहुत कड़ी नजर रख रहे हैं. जब म्यांमार सेना के जवान आ रहे हैं, तो उन्हें हथियार सरेंडर करने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. उचित पहचान के बाद उन्हें मोरेह सीमा (मणिपुर में) ले जाया जाता है. फिर म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया जाता है."
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मणिपुर हिंसा का राजनीतिक समाधान निकालना होगा
मणिपुर में जारी हिंसा पर लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, "हम मणिपुर में हिंसा को रोकने में काफी हद तक सफल रहे हैं. लेकिन दोनों समुदायों के बीच छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं. इसका राजनीतिक समाधान निकालना होगा."
मणिपुर में 2 की हत्या
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में इंफाल घाटी स्थित आतंकी समूहों के संदिग्ध सदस्यों ने 2 लोगों की हत्या कर दी. इनमें से एक सुरक्षा बल के जवान और दूसरा उनका ड्राइवर था. दोनों को गोली मारी गई थी.
कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान
एक आदिवासी संगठन ने दावा किया कि कुकी-ज़ो समुदाय के सदस्यों पर बिना उकसावे के हमला किया गया. हत्याओं के विरोध में कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान किया गया.
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आम लोगों के हाथों में हैं लूटे गए हथियार
इस पूरे मामले पर लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, "मणिपुर में समुदायों के बीच विरासत के मुद्दे रहे हैं. अब दोनों समुदाय पूरी तरह से ध्रुवीकृत (पोलोराइज्ड) हो गए हैं. 4000 से ज्यादा लूटे गए हथियार अभी भी लोगों के हाथों में हैं. उनका इस्तेमाल किया जा रहा है. लिहाजा हिंसक घटनाएं हो रही हैं."
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 3000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
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