म्यांमार में जुंटा आर्मी और PDF के बीच बढ़ा संघर्ष, मिजोरम आने के लिए सीमा के पास डटे शरणार्थी

असम राइफल्स के अधिकारियों ने पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले में ग्राम प्रधानों और नागरिक समाज समूह यंग मिजो एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.

म्यांमार में जुंटा आर्मी और PDF के बीच बढ़ा संघर्ष, मिजोरम आने के लिए सीमा के पास डटे शरणार्थी

सैकड़ों की तादाद में म्यांमार के नागरिक शरण लेने के लिए सीमा के पास डटे हुए हैं.

खास बातें

  • भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करती है असम राइफल्स
  • म्यांमार के साथ सीमा शेयर करते हैं मिजोरम के 6 जिले
  • मिजोरम में 7 नवंबर को हुए थे विधानसभा चुनाव
गुवाहाटी:

म्यांमार में जुंटा आर्मी, पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) के विद्रोहियों से लड़ाई लड़ रही है. ये विद्रोही लगातार सैन्य शासन को चुनौती दे रहे हैं. सैकड़ों की तादाद में म्यांमार के नागरिक शरण लेने के लिए सीमा के पास डटे हुए हैं, जिससे
म्यांमार (Myanmar Unrest)की सीमा से सटे मिजोरम में हलचल तेज हो गई है. इस बीच भारतीय सेना (Indian Army) की असम राइफल्स (Assam Rifles) ने म्यांमार की सीमा के पास मिजोरम की बस्तियों में ग्राम प्रधानों और सिविल सोसाइटी ग्रुप के नेताओं से मुलाकात की. इस मीटिंग में म्यांमार की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई. 

खुफिया सूत्रों ने कहा कि ताजा लड़ाई ने म्यांमार से मिजोरम के रास्ते भारत में चिन-कुकी शरणार्थियों की एक भीड़ को जन्म दिया है. मिजोरम में 7 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे. मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा (Zoramthanga) ने पारिवारिक और रिश्तेदारी का हवाला देते हुए हाल के वर्षों में म्यांमार से 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों का स्वागत किया है.

असम राइफल्स के अधिकारियों ने पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले में ग्राम प्रधानों और नागरिक समाज समूह यंग मिजो एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.

सूत्रों ने कहा कि जुंटा आर्मी और म्यांमार की नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट की आर्म्ड विंग PDF के बीच गोलीबारी के कारण सैकड़ों शरणार्थी मिजोरम के सीमावर्ती गांवों में भाग गए हैं. ग्रामीणों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, म्यांमार के 100 से ज्यादा परिवारों ने मिजोरम के चम्फाई जिले के ज़ोखावथर गांव में शरण ली है. 

फरवरी 2021 के बाद तेजी से बढ़ी शरणार्थियों की संख्या
फरवरी 2021 से ज़ोखावथर गांव में 6 हजार से ज्यादा म्यांमार शरणार्थी आए हैं. फरवरी 2021 में म्यांमार की सेना ने तख्तापलट करके सत्ता पर फिर से कब्जा कर लिया था. इसके बाद म्यांमार के लगभग 32 हजार पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मिजोरम के कई जिलों में शरण ली है. 

म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा शेयर करते हैं मिजोरम के 6 जिले
मिजोरम के 6 जिले चम्फाई, सियाहा, लॉन्गत्लाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल म्यांमार के चिन राज्य के साथ 510 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा शेयर करते हैं. असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करती है.

मणिपुर में कुकी-मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी
बता दें कि मिजोरम के पड़ोसी राज्य मणिपुर में शरणार्थियों और अवैध अप्रवासियों की संख्या में बढ़ोतरी के बीच सिकुड़ती भूमि, संसाधनों और राजनीतिक शक्ति के मुद्दे पर पहाड़ी-बहुल कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच  जातीय संघर्ष देखा गया है. मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच 3 मई से संघर्ष जारी है.
 

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