शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘‘चुराए जाने'' के बावजूद उनके आलोचक उन्हें अपने सपनों में देखते हैं और वे जानते हैं कि महाराष्ट्र की जनता उनके साथ है. पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री' में समर्थकों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न चुराए जाने के बावजूद, आलोचक मुझे अपने सपनों में देखते हैं. वे जानते हैं कि उद्धव ठाकरे अकेला नहीं है, पूरा महाराष्ट्र उसके साथ है.''
ठाकरे ने कहा, ‘‘प्यार और स्नेह बिक्री के लिए नहीं हैं. इन भावनाओं को खरीदा नहीं जा सकता.'' मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे जिले के उल्हासनगर में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं के फिर से शिवसेना (यूबीटी) में शामिल होने का जिक्र करते हुए, ठाकरे ने कहा कि आगे भी लड़ाई जारी रहेगी लेकिन वफादार लोगों के एक साथ रहने से इसे जीता जा सकता है.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के बारे में ठाकरे ने कहा कि उस दिन वह नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा करेंगे और गोदावरी नदी के तट पर ‘महा आरती' करेंगे. शिंदे और कई विधायकों की बगावत के बाद जून, 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी और राज्य में सत्तारूढ़ ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. निर्वाचन आयोग द्वारा शिंदे के संगठन को ‘शिवसेना' नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर धनुष' दिया गया था.
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