जाट आंदोलन के दौरान राज्य में सैन्य बल बुलाना पड़ गया था
मुरथल:
जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में कथित गैंगरेप की घटना की जांच के लिए गठित समिति ने शनिवार को मौक़ा-ए-वारदात का दौरा किया। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए तीन महिला अफ़सरों की एक समिति गठित की है। डीआईजी राजश्री सिंह इस समिति की प्रमुख हैं जो जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपेगीं। मौक़े पर मिले महिलाओं के कपड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इस बीच पुलिस ने साफ़ किया है कि अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई पीड़ित है तो सामने आए - उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। उनके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
गौरतलब है कि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक कह चुके हैं कि जाट आंदोलन के दौरान राज्य में पिछले हफ्ते मुरथल हाईवे पर महिलाओं के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किए जाने की खबर की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच राज्य में जांच आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है।
कोई गवाह सामने नहीं
डीजीपी ने यह भी कहा था कि मुरथल मामले को लेकर अभी तक कोई गवाह पुलिस के समक्ष नहीं आया है। अगर मीडिया के पास इस बारे में कोई भी जानकारी है तो हमें दे सकता है। सूचना देने वाले शख्स की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बारे में कोई भी सूचना मिलते ही समुचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जाट आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में हुई हिंसा के मामले में अब तक 133 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है जबकि 700 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।
इससे पहले मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया था कि सोनीपत जिले में नेशनल हाईवे पर कुछ वाहनों को रोककर (जिनमें बसें भी शामिल थीं ) इनमें सवार महिलाओं के साथ खेतों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इस बीच, हरियाणा में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। पुलिस ने हिंसा प्रभावित जिलों में जाट आंदोलन के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के बारे में लोगों से फोटो, वीडियो या अन्य सबूत देने को कहा गया है।
गौरतलब है कि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक कह चुके हैं कि जाट आंदोलन के दौरान राज्य में पिछले हफ्ते मुरथल हाईवे पर महिलाओं के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किए जाने की खबर की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच राज्य में जांच आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है।
कोई गवाह सामने नहीं
डीजीपी ने यह भी कहा था कि मुरथल मामले को लेकर अभी तक कोई गवाह पुलिस के समक्ष नहीं आया है। अगर मीडिया के पास इस बारे में कोई भी जानकारी है तो हमें दे सकता है। सूचना देने वाले शख्स की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बारे में कोई भी सूचना मिलते ही समुचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जाट आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में हुई हिंसा के मामले में अब तक 133 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है जबकि 700 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।
इससे पहले मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया था कि सोनीपत जिले में नेशनल हाईवे पर कुछ वाहनों को रोककर (जिनमें बसें भी शामिल थीं ) इनमें सवार महिलाओं के साथ खेतों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इस बीच, हरियाणा में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। पुलिस ने हिंसा प्रभावित जिलों में जाट आंदोलन के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के बारे में लोगों से फोटो, वीडियो या अन्य सबूत देने को कहा गया है।
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