मुंबई: मीरा रोड लिव इन रिलेशनशिप मर्डर केस में एक नया खुलासा हुआ है. मृतक सरस्वती वैद्य आरोपी मनोज साने को मामा कहकर पुकारती थी, जबकि दोनो ने मंदिर में शादी की थी. ये भी पता चला है कि मनोज साने ने उसे खुद को कपड़े के मिल का मालिक बताया था, जबकि वो बोरवली में राशन की दुकान में काम करता था. इस बीच नया नगर पुलिस एक दिन पहले जिस सरस्वती को अनाथ बता रही थी. उसकी तीन बहनें आज पुलिस थाने पहुंची है.
पुलिस के मुताबिक सरस्वती वैद्य कुल पांच बहने हैं. परिवार मूल रूप से औरंगाबाद का रहने वाला है. मां गुजर जा चुकी है.
पिता पहले से अलग हो गए थे और इसलिए सभी बहने अलग-अलग आश्रम में पढ़ी है. सरस्वती सबसे छोटी थी, जो अहमद नगर के जानकी बाई आश्रम में पली बढ़ी है. पुलिस के मुताबिक आश्रम छोड़ने के बाद सरस्वती 4 से 5 साल अपनी बहन के पास रही. उसके बाद मुंबई आ गई. यहां मनोज साने से मुलाकात हुई और मनोज ने पहले उसे काम दिलाया, फिर उसे अपने बोरीवली के घर में रहने की जगह दी. इसके बाद दोनो ने मंदिर में शादी कर ली थी.
आरोपी सरस्वती के साथ कुछ साल बाद मीरा रोड रहने आ गए. लेकिन समय के साथ दोनो के रिश्ते में खटास आ गई और फिर झगड़ा होने लगा. आश्रम के कर्मचारी ने भी बताया कि पहले वो खुश रहती थी. लेकिन दो साल पहले जब आई थी तो परेशान थी.
एक शक ये भी है कि मनोज ने सरस्वती की गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाया और खुद को ज्यादा पैसे वाला बताकर उसे अपने साथ ही जीने को मना लिया. लेकिन अचानक से ऐसा क्या है कि उसने सरस्वती की हत्या कर उसके शरीर के इतने टुकड़े किए. अभी इस सवाल का जवाब मिलना बाकी है. पुलिस ने सतर्क पड़ोसी की मदद से सबूत मिटाने के पहले ही आरोपी को पकड़ तो लिया. लेकिन लेकिन 56 साल के मनोज ने 32 साल की अपनी पत्नी की हत्या क्यों और कैसे की, ये अभी तक पता नहीं कर पाई है. पुलिस के मुताबिक आरोपी बार-बार अपना बयान बदल रहा है.
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