
मुंबई में मीठी नदी डीसिल्टिंग घोटाले की जांच मामले में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के बीच ठनी हुई है. बीएमसी का दावा है कि ईओडब्ल्यू की बार-बार पूछताछ और दस्तावेजों की मांग के कारण इंजीनियरों का समय बर्बाद हो रहा है, जिससे मानसून पूर्व की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर मुंबई मानसून के लिए तैयार नहीं हो पाई, तो क्या इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी?
बीएमसी के आला सूत्रों ने कहा की मीठी नदी डीसिल्टिंग घोटाले की जांच के चलते इंजीनियरों की पूछताछ से मानसून से पहले की तैयारियां बाधित हो रही हैं. मल्टी-करोड़ के मीठी नदी डीसिल्टिंग घोटाले की जांच उस वक्त मुश्किल में पड़ गई जब बीएमसी ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के साथ जरूरी दस्तावेज साझा करने से इनकार कर दिया. EOW सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी ने कई बार अनुरोध के बावजूद ठेकेदारों से संबंधित टेंडर फाइलें और रेकॉर्ड्स विशेष जांच टीम (SIT) को नहीं सौंपे, जो 2020 से 2025 के बीच डीसिल्टिंग कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताओं की जांच कर रही है.
जांच की दिशा में रुकावट
SIT ने 2020 से 2024 तक के डीसिल्टिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़े कॉन्ट्रैक्टरों और 2021 से 2025 तक के टेंडरों की जानकारी मांगी थी ताकि समझा जा सके कि फंड कैसे आवंटित किए गए और क्या कार्य वास्तव में हुआ. बीएमसी के बड़े अधिकारी सूत्रो के अनुसार EOW को पत्र लिखकर इंजीनियरों को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाने पर आपत्ति जताई.
बार-बार पत्राचार
सूत्रों ने बताया कि बीएमसी को जांच के दौरान कम से कम तीन पत्र भेजे गए. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दो अतिरिक्त पत्र भेजे गए ताकि प्रोजेक्ट की डिटेल्स मिल सकें. बीएमसी के बड़े अधिकारी के सूत्रो के अनुसार बीएमसी जांच में सहयोग कर रही है, लेकिन EOW के अधिकारियों ने बिना जानकारी दिए बीएमसी दफ्तरों से फाइलें जब्त कीं और काम में लगे इंजीनियरों को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया. फाइनेंस डिपार्टमेंट से बिना वेरिफिकेशन के पेमेंट से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए.
मानसून पूर्व कार्य प्रभावित
बीएमसी सूत्रो के अनुसार पूछताछ के कारण इंजीनियरों को घंटों बैठाया जा रहा है जिससे मानसून पूर्व की तैयारी प्रभावित हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंसी SIT के दायरे से बाहर जाकर अनावश्यक दस्तावेज मांग रही है. सूत्रों के अनुसार पहले ही SIT की शर्तों के अनुसार सभी फाइलें सौंप चुकी है और यदि EOW को और दस्तावेज चाहिए तो वो केंद्र सरकार से निर्देश लें.
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