
मुंबई में कोरोना का खतरा एक बार फिर सतह पर आ रहा है. यहां केईएम अस्पताल में दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इन दोनों मरीजों की मौतें कोविड-19 से नहीं, बल्कि उनकी पहले से मौजूद गंभीर बीमारियों कैंसर और किडनी फेलियर के कारण हुई हैं.
मृतकों में एक 58 वर्षीय महिला और एक 13 वर्षीय किशोरी शामिल हैं, जिनमें से महिला को कैंसर था और लड़की किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी. दोनों की मौत से पहले किए गए कोरोना टेस्ट में वे पॉजिटिव पाई गईं, जिससे सतर्कता का स्तर बढ़ गया है.
पिछले तीन महीनों में मुंबई में औसतन हर महीने 7 से 10 नए कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जो भले ही संख्या में कम हैं, लेकिन पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. खासकर तब जब एशिया के कुछ देशों जैसे हांगकांग और सिंगापुर में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है.
शहर के डॉक्टरों और निजी अस्पतालों ने पिछले कुछ दिनों में कोविड जैसे लक्षणों वाले कई नए मामलों की जानकारी दी है, जिनमें बुखार, खांसी और गले में दर्द जैसे सामान्य लक्षण पाए गए हैं. इनमें से कुछ मरीज हाल ही में विदेश यात्रा कर लौटे हैं, जिससे विदेश से संक्रमण आने का खतरा और बढ़ जाता है.
BMC और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है और अधिकारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सघन जांच की जा रही है. ताकि संक्रमण को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके. विभाग ने जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाने की भी तैयारी कर ली है.
विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन लापरवाही नहीं की जानी चाहिए, खासतौर पर बुजुर्गों, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों और विदेश से लौटे यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए.
मुंबई जैसे घनी आबादी वाले महानगर में संक्रमण दोबारा न फैले, इसके लिए जागरूकता, सतर्कता और निगरानी को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी माना जा रहा है, ताकि स्थिति नियंत्रण में बनी रहे और पहले जैसी महामारी का खतरा न लौटे.
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