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मुंबई: ED ने अवैध निर्माण घोटाला मामले में बिल्डर्स समेत 4 को धर दबोचा, व्हाट्सऐप चैट से बड़ा खुलासा

ईडी ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किए हैं. इन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों में व्हाट्सएप चैट भी मिली है. यह चैट डिप्टी टाउन प्लानर और नगर आयुक्त के बीच की है, जिससे बड़ा खुलासा हुआ है.

मुंबई:  ED ने अवैध निर्माण घोटाला मामले में बिल्डर्स समेत 4 को धर दबोचा, व्हाट्सऐप चैट से बड़ा खुलासा
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई ईडी का बड़ा एक्शन.
  • ED ने मुंबई के उपनगरों में अवैध निर्माण और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है.
  • वसई विरार महानगर पालिका से जुड़े 4 आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के तहत गिरफ्तार किया है.
  • गिरफ्तार आरोपियों में पूर्व नगर आयुक्त, बिल्डर और निलंबित डिप्टी टाउन प्लानर शामिल हैं.
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मुंबई:

मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध निर्माण घोटाले में बड़ी कार्रवाई (Mumbai ED raid And Arrest) की है. इस मामले में पूर्व आयुक्त और बिल्डर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच एजेंसी ने यह एक्शन 13 अगस्त को मुंबई के उपनगरों में अवैध निर्माण और घोटाला मामले लिया. ईडी ने वसई विरार महानगर पालिका (VVCMC) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार लोगों को PMLA के तहत गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम  अनिल पवार, सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता और वाई. एस. रेड्डी हैं.

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गिरफ्तार आरोपियों के बारे में जानें 

  • अनिल पवार, IAS- पूर्व नगर आयुक्त, VVCMC
  • सीताराम गुप्ता- बिल्डर और VVMC के कॉरपोरेटर (बहुजन विकास आघाड़ी से)
  • अरुण गुप्ता- बिल्डर
  • वाई. एस. रेड्डी- डिप्टी टाउन प्लानर, VVCMC (वर्तमान में निलंबित)

इन लोगों पर क्या हैं आरोप?

जांच में पता चला है कि कुछ बिल्डर्स ने VVCMC इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया. यहां बनाए गए घर खरीदारों को बेच दिए गए. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन अवैध इमारतों को तोड़ दिया गया, जिससे कई परिवार बेघर हो गए.

नकदी, सोना-चांदी और व्हाट्सएप चैट बरामद

ईडी ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किए हैं. इन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों में व्हाट्सएप चैट भी मिली है. यह चैट डिप्टी टाउन प्लानर और नगर आयुक्त के बीच की है. इनकी बातचीत से यह साफ पता चलता है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल के बदले प्रति स्क्वेयर फीट रिश्वत वसूलने के लिए एक संगठित गिरोह बनाया गया था.

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