दमोह में गंगा जमुना स्कूल पहले से ही गैर-मुस्लिम छात्राओं को 'स्कार्फ' पहनने के लिए मजबूर करने के लिए विवादों में है. अब अल्लामा इकबाल द्वारा लिखी गई कविता के कथित गायन पर एक नए विवाद की ओर बढ़ रहा है. शुक्रवार को छतरपुर जिले में लाडली बहना योजना से जुड़े एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “कल ही मुझे पता चला कि बेटियों को एक स्कूल में सिर ढककर आने के लिए मजबूर किया जा रहा है. साथ ही देश का बंटवारा कराने वाले शख्स की कविता पढ़ा रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैं सभी को चेतावनी देना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में इस तरह की हरकत नहीं होने दी जाएगी. प्रदेश में वही शिक्षा नीति लागू होगी, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने लागू किया है. कोई भी स्कूल जो कुछ भी सिखाता है, जो नई शिक्षा नीति के अनुरूप नहीं है या अपनी छात्राओं को सिर ढकने के लिए दुपट्टा या कुछ और पहनने के लिए मजबूर करता है, उसे मध्य प्रदेश में संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
इस बीच, दमोह जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है. मयंक अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा, "आरोपों की गहन जांच करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संबंधित स्कूल के खिलाफ, सभी संबंधित मुद्दों की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की गई थी.
दमोह जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया, "जब समिति जांच कर रही थी, संबंधित स्कूल ने हमें अपनी प्रबंधन समिति द्वारा छात्राओं के लिए अपने ड्रेस कोड से स्कार्फ हटाने के साथ-साथ सुबह की प्रार्थना के दौरान केवल राष्ट्रगान गाने के निर्णय के बारे में सूचित किया. जांच पैनल स्कूल के खिलाफ कई आरोपों की जांच कर रहा है, जिसमें इसके पंजीकरण से संबंधित मामले भी शामिल हैं.”
यह भी पढ़ें
ब्रिक्स देशों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल पर जोर
अयोध्या पहुंच कर बृजभूषण शरण सिंह ने बताया- क्यों रद्द की जनचेतना रैली?
अमूल और नंदिनी दूध के बीच चला विवाद अब मध्य प्रदेश पहुंचा, यहां साँची को लेकर जंग
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं