विज्ञापन
This Article is From Aug 25, 2022

एक हाथ में बच्चा, दूसरे में साइकिल रिक्शे का हैंडल, बेबस पिता की कहानी...

दो वक्त की रोटी के लिए राजेश रोज इसी तरह से मेहनत करता है और अपने बच्चे को काम के वक्त भी अपने साथ ही रखता है.

एक हाथ में बच्चा, दूसरे में साइकिल रिक्शे का हैंडल, बेबस पिता की कहानी...
इस दौरान मासूम बच्चे को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है .
भोपाल:

एक लाचार और मजबूर पिता रोज अपने कंधे पर एक हाथ से अपने मासूम बेटे को संभालता है और दूसरे हाथ से साइकिल रिक्शे का हैंडल थामता है. राजेश नाम का यह मजबूर पिता रोजाना घर से काम पर निकलते समय अपने छोटे से बेटे को भी साथ लेकर जाता है. शहर भर में साइकिल रिक्शे में घूमकर सवारियों की खोज में लग जाता है. वहीं सवारी मिलने पर एक हाथ से ही रिक्शा चलाकर उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने के जतन में जुट जाता है.

दो वक्त की रोटी के लिए राजेश रोज इसी तरह से मेहनत करता है. पेट और परिवार पालने की मजबूरी इंसान से क्या-क्या नहीं कराती, मजबूर राजेश इस बात का जीता जागता उदाहरण है. वहीं इस दौरान उसके मासूम से बच्चे को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और पूरे दिन पिता के साथ तेज धूप में घूमना पड़ता है. अपने मासूम बेटे को कंधे पर लेकर और एक हाथ से साइकिल रिक्शा चलाते राजेश पर जिसकी भी नजर पड़ती है, उसकी आंखे नम हो जाती हैं.

ये भी पढ़ें- 'बाढ़' के चलते कई दिन से टापू पर फंसे 4 को हेलीकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू - देखें VIDEO

दुखी की बात ये है कि राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की तमाम योजनाएं ऐसे लाचार लोगों के पास आकर दम तोड़ देती हैं. सरकारी योजनाओं का फायदा कई लोगों तक पहुंच रहा है. मगर अभी भी कई जरूरतमंदों तक ये योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. कुछ दिनों पहले ही देश ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है. उसके बावजूद भी गरीबी लाचारी और मजबूरी की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है. देश भले की विकास कर रहा है, लेकिन आज भी ऐसे लोग हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है.

VIDEO: CM केजरीवाल ने बुलाई AAP विधायकों की बैठक, ऑपरेशन लोटस पर होगी बात

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com