संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में राज्यसभा (Rajya Sabha) के पहले हफ्ते का आधे से ज्यादा कामकाज का वक्त बर्बाद हो गया है. विपक्षी सांसद राज्यसभा से निलंबित 12 सांसदों की बहाली समेत कई मांगों को लेकर लगातार संसद में हंगामा नारेबाजी कर रहे हैं. उम्मीद है कि अगले हफ्ते कामकाज सुचारू रूप से चल सकता है. विपक्षी सांसदों ने सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण बताया है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने इन सांसदों का निलंबन वापस लेने से इनकार कर दिया है.
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उन्होंने कहा कि निलंबित सांसदों ने अपनी गलती पर पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है. नायडू ने स्पष्ट किया कि अमर्यादित आचरण पर इन सांसदों को निलंबित करने का फैसला सदन का था और इस मुद्दे पर सदन को ही आगे कोई निर्णय़ लेना है. वहीं निलंबित सांसदों ने पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है और वो लगातार संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अगर विपक्षी सांसद माफी मांगते हैं तो उनके निलंबन को वापस लेने पर विचार किया जा सकता है. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सदन में पिछले हफ्ते 47.70 फीसदी कामकाज हुआ है. इसमें कहा गया है कि सदन गुरुवार को अपनी तय अवधि से 33 मिनट ज्यादा बैठा. इससे कुल उत्पादकता 49.70 फीसदी तक पहुंच गई. हालांकि गुरुवार और शुक्रवार को सबसे ज्यादा कामकाज देखने को मिला. गुरुवार को 95 फीसदी और शुक्रवार को 100 फीसदी कामकाज हुआ.
बयान में कहा गया है कि सदन ने शुक्रवार को करीब ढाई घंटे तक निजी सांसदों के लिए निश्चित कामकाज का पूरा लाभ उठाया. इससे पहले बजट सत्र (Budget session) में 7 फरवरी 2020 को ऐसा हुआ था. यह भी बताया गया है कि सत्र के पहले हफ्ते में कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक पारित किया गया. राज्यसभा से डैम सैफ्टी विधेयक को भी हरी झंडी दी गई.
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