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This Article is From May 30, 2021

केरल में 2 दिन की देरी से पहुंचेगा मानसून, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान जताया

IMD के अनुसार, 1 जून से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं धीरे-धीरे जोर पकड़ सकती हैं. इससे केरल में भारी बारिश (Kerala Monsoon) देखने को मिल सकती है. निम्न स्तरीय दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के चलते बारिश तेज होंगी.

केरल में 2 दिन की देरी से पहुंचेगा मानसून, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान जताया
Kerala Monsoon
नई दिल्ली:

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ( India Meteorological Department) ने अनुमान जताया है कि केरल में मानसून (Kerala Monsoon) दो दिन की देरी से पहुंचेगा. मानसून अब 3 जून को केरल के तटवर्ती इलाकों में दस्तक देगा. आईएमडी (IMD) ने कहा है कि केरल और माहे इलाके में जोरदार बारिश देखने को मिल सकती है. भारतीय मौसम विभाग के डेटा के आधार पर सरकारी बयान में कहा गया कि ताजातरीन मौसम संबंधी अनुमान के मुताबिक, दक्षिणपश्चिम हवाएं 1 जून से धीरे-धीरे तेजी पकड़ सकती हैं, इससे केरल के आसपास के इलाकों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) देखने को मिल सकती है. ऐसे में मानसून के केरल में तीन जून को टकराने का अनुमान जताया जा रहा है. 

केरल और पुडुचेरी के माहे इलाकों में अगले 5 दिनों तक बारी बारिश हो सकती है. तटीय कर्नाटक के क्षेत्रों में भी 1 से 3 जून तक बारिश होने का अंदेशा है. दक्षिण कर्नाटक में 2-3 जून को तेज वर्षा के संकेत हैं. वहीं पश्चिमी राजस्थान में जगह-जगह लू चलने का क्रम अभी जारी रह सकता है. मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि कर्नाटक तट पर साइक्लोन सर्कुलेशन की वजह से दक्षिण पश्चिम मानसून की गति प्रभावित हुई है.

लेकिन 1 जून से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं धीरे-धीरे जोर पकड़ सकती हैं. इससे केरल में भारी बारिश देखने को मिल सकती है. आईएमडी के अनुसार, निम्न स्तरीय दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के चलते बारिश तेज होंगी. अगले पांच दिन के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों में भी भारी बारिश होने का अनुमान है. केरल में सामान्य रूप से एक जून को मानसून को आता है.

मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम महापात्र ने एनडीटीवी से कहा, "हमें उम्मीद है कि 1 जून से दक्षिण पश्चिमी हवाओं की गति में सुधार आएगा जिस से 3 जून तक दक्षिण पश्चिम मानसून के केरल तट पर पहुंचने की संभावना बढ़ेगी.  2 दिन की देरी से मानसून के केरल तट पर पहुंचने की सबसे मुख्य वजह है दक्षिण पश्चिम हवाओं की स्थिति में सुधार अनुमान के मुताबिक ना होना,  जिस वजह से भविष्यवाणी के मुताबिक इलाके में बारिश की स्थिति में भी अच्छी वृद्धि नहीं हो सकी है".

केरल में मानसून के आगमन के साथ भारत में चार महीने लंबे वर्षा काल की शुरुआत हो जाती है. केरल में पहले 31 मई को मानसून के दस्तक देने का अनुमान था. जो अब तीन दिन आगे बढ़ गया है.  इस साल मानसूनी बारिश के सामान्य रहने का अनुमान जताया गया है.

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