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This Article is From Aug 11, 2021

लोकसभा में 96 में से कुल 74 घंटे- 46 मिनट काम नहीं हो पाया, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए हुई स्थगित

संसद में विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरता रहा. संसद में हंगामा होता रहा, जिसके कारण कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. 

लोकसभा में 96 में से कुल 74 घंटे- 46 मिनट काम नहीं हो पाया, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए हुई स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. आज लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित भी हो गई. दरअसल, विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरता रहा. संसद में हंगामा होता रहा, जिसके कारण कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही.  निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत उत्पादकता रही. सत्र के दौरान संविधान के 127वें संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए. 66 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए. इस बार 21 घंटे 14 मिनट काम हुआ. 96 घंटे में से कुल 74 घंटे और 46 मिनट काम नहीं हो पाया. 20 विधेयक पारित हुए.

राज्यसभा अध्यक्ष की चेयर पर फाइल फेंकना शर्मनाक : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी दो वर्ष तक अपना अध्यक्ष न चुन पाए. जिसके सांसद अपनी ही सरकार बिल फाड़ दें. जो पार्टी सदन न चलने दें. जो सड़क पर भी करने में लोग शर्म महसूस करते हैं वो सदन में किया जाए, सोचिए लोकतंत्र को कितना शर्मसार करने का काम किया जा रहा. देश की जनता ने जिन्हें सांसद बनाकर भेजा है अपने मुद्दे उठाने के लिए वे फाइलें फेंके, हंगामा करें.  करोड़ों रुपये सदन चलाने के लिए खर्च किए जाते हैं लेकिन जब चर्चा होती है तो ये लोग भाग नहीं लेते. कल जो राज्यसभा में हुआ,  पहले मंत्री जी का बयान फाड़ दिया गया. फिर टेबल पर चढ़कर राज्यसभा अध्यक्ष की चेयर पर फाइल फेंकी गई, ये शर्मनाक है.

हंगामा करने वाले वाले सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहती है सरकार

सूत्रों के मुताबिक-  राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की तरफ से हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ मामले को संसद की एथिक्स समिति के पास भेजा जा सकता है.सरकार चाहती है कि राज्यसभा में हंगामा करने के दोषी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
 

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