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This Article is From Feb 17, 2020

औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र खोजने में जुटी मोदी सरकार, साबित करेगी हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान'

मोदी सरकार (Modi Government) अब औरंगजेब (Aurangzeb) के भाई दारा शिकोह (Dara Shikoh) की कब्र खोजने में जुटी है.

औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र खोजने में जुटी मोदी सरकार, साबित करेगी हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान'
बीते दिनों पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल हुमायूं के मकबरे पर गए थे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

मोदी सरकार (Modi Government) अब औरंगजेब (Aurangzeb) के भाई दारा शिकोह (Dara Shikoh) की कब्र खोजने में जुटी है. हुमायूं के मकबरे के पास मुगल शासकों की पहली कब्रगाह है. यहां 140 कब्रें हैं लेकिन इन कब्रों में दारा शिकोह की कब्र खोजना आसान नहीं है. दारा शिकोह ने गीता का फारसी में अनुवाद किया था. उन्होंने 52 उपनिषदों का भी अनुवाद किया था. अब सरकार दारा शिकोह की कब्र और उनका इतिहास बताकर उसे हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान' साबित करना चाहती है, जो भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित थे.

केंद्र सरकार ने इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी को तीन महीने के भीतर दारा शिकोह की कब्र खोजनी है. यह काम इतना आसान नहीं है, क्योंकि यहां बड़ी तादाद उन कब्रों की है, जिसपर कोई नाम नहीं लिखा है. शाहजहांनामा में लिखा है कि औरंगजेब से हारने के बाद दारा शिकोह का सिर काटकर आगरा किले में भेजा गया था और बाकी को हुमायूं के मकबरे के पास कहीं दफनाया गया था. यहां ज्यादातर कब्रों पर किसी का नाम नहीं लिखा है. यह सारी कब्रें मुगल शासकों के रिश्तेदारों की हैं. इसीलिए दारा शिकोह की कब्र खोजना आसान नहीं है.

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पद्मश्री पुरातत्वविद् के.के. मोहम्मद कहते हैं कि दारा शिकोह की कब्र खोजना कुछ मुश्किल जरुर है लेकिन 1652 के आसपास की स्थापत्य शैली के आधार पर एक छोटी कब्र को चिन्हित किया गया है. चूंकि इन कब्रों पर कुछ लिखा नहीं है इसलिए मुश्किल काम है. दारा शिकोह की कब्र खोजने वाली टीम में डॉक्टर आर.एस. भट्ट, के.के. मोहम्मद, डॉक्टर बी.आर. मनी, डॉक्टर के.एन. दत्त, डॉक्टर बी.एम. पांडेय, डॉक्टर जमाल हसन और अश्विनी अग्रवाल शामिल हैं. बीते दिनों खुद केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल हुमायूं के मकबरे पर गए थे. उसके बाद दारा शिकोह की कब्र खोजने के मामले में तेजी आ गई है.

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बताते चलें कि 30 अगस्त, 1659 में दारा शिकोह की मौत हो गई थी. शाहजहां अपने चार बेटों में दारा शिकोह को बहुत पसंद करते थे. दारा शिकोह का नाम उदारवादी सोच और बड़े विचारकों में गिना जाता है. शाहजहां की बीमारी के बाद ही चारों भाइयों में गद्दी का संघर्ष शुरु हो गया, हालांकि दारा शिकोह के पास औरंगजेब के मुकाबले कहीं बड़ी सेना थी लेकिन दारा शिकोह की रणनीतिक कमजोरी और विश्वासपात्रों की दगाबाजी के चलते औरंगजेब ने लड़ाई जीती और दारा शिकोह को उसके लड़कों समेत बंदी बना लिया. कुछ दिन कैद में रहने के बाद औरंगजेब के एक भरोसेमंद सिपाही ने दारा शिकोह की गर्दन धड़ से अलग कर दी और उसे औरंगजेब के पास आगरा ले गया.

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