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केवल गोला-बारूद तक सीमित नहीं है आधुनिक युद्ध-सेना प्रमुख

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का ज़िक्र करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि शुरुआती 88 घंटों के भीतर भारतीय सेना ने नौ में से सात लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किए थे. जिससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ और उसका रक्षात्मक ढांचा तहस-नहस हो गया.

केवल गोला-बारूद तक सीमित नहीं है आधुनिक युद्ध-सेना प्रमुख
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सरकार के हालिया जीएसटी सुधार की तारीफ की.
  • सेना प्रमुख ने कहा ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना के साहस, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है.
  • सेना ने शुरुआती 88 घंटों में 9 लक्ष्यों में से 7 पर सटीक प्रहार कर पाक के रक्षात्मक ढांचे को तहस-नहस किया
  • जनरल द्विवेदी ने जीएसटी सुधारों की तारीफ करते हुए कहा कि इससे सेना के आधुनिकीकरण और अनुसंधान में लाभ होगा.
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नई दिल्ली:

‘ऑपरेशन सिंदूरः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज़ डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान' किताब किसी एक सैन्य अभियान का विवरण भर नहीं है. यह भारतीय सेना के साहस, अनुशासन, पेशेवर दक्षता और राष्ट्र के प्रति उसके अटूट समर्पण का प्रतीक है. यह बात सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपेरशन सिंदूर पर लेफ्टिनेंट केजेएस ढिल्लन (सेवावानिवृत्त) की किताब ‘ऑपरेशन सिंदूरः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज़ डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान' के विमोचन कार्यक्रम में कही.

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर हमारी सशस्त्र सेनाओं के संकल्प, सूक्ष्म योजना और सैन्य अभियान को बेजोड़ तरीके से अमलीजामा पहनाने का उदाहरण है. जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह केवल रणभूमि की विजय नहीं थी, बल्कि इसमें रणनीति, नेतृत्व और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का संगम था. सेना प्रमुख ने कहा कि इस अभियान ने सिद्ध किया कि आधुनिक युद्ध केवल बंदूक और गोला-बारूद तक सीमित नहीं है, बल्कि सूचना पर नियंत्रण, जनमानस पर  पड़ने वाला प्रभाव और अपनी बात स्पष्ट और मज़बूती से रखने की क्षमता भी युद्ध का अनिवार्य हिस्सा है.

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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का ज़िक्र करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि शुरुआती 88 घंटों के भीतर भारतीय सेना ने नौ में से सात लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किए थे. जिससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ और उसका रक्षात्मक ढांचा तहस-नहस हो गया. अलग-अलग हथियार प्रणालियों के कारगर इस्तेमाल ने पाकिस्तान का मनोबल तोड़ दिया और उसे युद्धविराम की याचना करनी पड़ी. जनरल द्विवेदी ने कहा कि खुद पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि उसके सैनिकों को भारी नुकसान हुआ, जिसका कारण भारतीय सेना की सटीक एवं कारगर मारक क्षमता रही.

जीएसटी सुधारों की तारीफ भी की

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विमोचन कार्यक्रम में मौजूद मीडियाकर्मियों से बातचीत में सरकार के हालिया जीएसटी सुधार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों से सेना के आधुनिकीकरण, सैन्य प्रशिक्षण और अनुसंधान आदि क्षेत्रों में फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इससे डिफेंस कॉरिडोर को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अनुसंधान एवं विकास, प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण पर ध्यान देती है, इस क्षेत्र में लगने वाले जीएसटी को रिफण्ड करने से हमें बहुत फायदा होगा और काफी लोग इस क्षेत्र में पैसा लगा सकेंगे.

जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारी भरकम उपकरणों में जीएसटी के 18 से घट कर 5 प्रतिशत होने से हमें आधुनिकीकरण में बहुत सहूलियत होगी. साथ ही सैन्य यूएवी पर जीएसटी शून्य करने से उन्हें काफी बढ़ावा मिलेगा. आगे आने वाले युद्धों में यूएवी, काउंटर यूएवी और ड्रोन का काफी इस्तेमाल होगा.

सेना प्रमुख ने बताया थिएटराइज़ेशन क्यों है ज़रूरी 

थिएटराइज़ेशन पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इसलिए ज़रूरी है क्योंकि अकेले सेना युद्ध नहीं लड़ती, बल्कि इसमें बीएसएफ, आईटीबीपी एवं डिफेंस साइबर तथा स्पेस एजेंसियां भी शामिल होती हैं। उन्होंने कहा कि अब तो हम कॉग्निटिव वॉरफेयर एजेंसी की बात भी कर रहे हैं. साथ ही खुफिया एजेंसियां, सिविल डिफेंस, इसरो, रेलवे और एनसीसी जैसी संस्थाओं की भूमिका भी होती है, इसलिए कमान संरचनाओं को एकीकृत करने व तालमेल बैठाने के लिए थिएटराइज़ेशन ज़रूरी है. 

सेना प्रमुख ने कहा कि यह आज या कल तो आएगा ही, हमें केवल यह देखना है कि इसमें समय कितना लगता है. खास बात यह है कि कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा था कि निचले स्तर पर किसी थिएटर कमांड जैसे निकाय की ज़रूरत नहीं है. लगभग पांच साल पहले देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के पद संभालने के बाद थिएटराइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी.

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