पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अध्ययन करने के लिए दो साल का ‘‘देश विशिष्ट पासपोर्ट'' जारी किया गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
जम्मू कश्मीर पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने पासपोर्ट जारी करने के खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट दी थी.
इल्तिजा (35) ने पासपोर्ट के लिए अपने आवेदन को मंजूरी नहीं मिलने के बाद फरवरी में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय का रुख किया था. उनके पासपोर्ट की अवधि इस साल दो जनवरी को खत्म हो गई. इल्तिजा ने पिछले साल आठ जून को नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था.
अदालत ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को मामले के गुण-दोष पर गौर करने का निर्देश दिया था. इसके बाद, आरपीओ द्वारा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को लिखे गए एक पत्र के अनुसार इल्तिजा को पासपोर्ट जारी किया गया है जो 5 अप्रैल, 2023 से 4 अप्रैल, 2025 तक वैध है. इल्तिजा ने उच्चतर शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश की इच्छा जताई थी.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पासपोर्ट सिर्फ यूएई के लिए वैध होगा.'' पासपोर्ट में यह बताते हुए एक मुहर लगी हुई है. अधिकारियों ने आरपीओ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि फरवरी में जम्मू कश्मीर के विशेष पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) से प्राप्त सीआईडी/पुलिस सत्यापन रिपोर्ट उन्हें पासपोर्ट जारी करने के पक्ष में नहीं थी.
अधिकारियों ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारी (श्रीनगर) दविंदर कुमार ने सीआईडी से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी कि क्या इल्तिजा के खिलाफ कोई आरोपपत्र या प्राथमिकी है. हालांकि, विभाग ने अपनी रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया और फरवरी में अपनाए गए अपने रुख को दोहराया.
इल्तिजा ने सवाल किया, ‘‘इस पासपोर्ट की वैधता केवल दो साल के लिए ही क्यों है और वह भी देश विशेष के लिए?'' इल्तिजा ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर कोई एहसान नहीं किया. मैं अदालत की शुक्रगुजार हूं लेकिन पासपोर्ट को हथियार बनाकर सीआईडी के घोर कदाचार और सत्ता के दुरुपयोग के बारे में बड़ा सवाल बना हुआ है.'' उन्होंने कहा कि सीआईडी की प्रतिकूल रिपोर्ट ‘‘झूठ'' से भरी है. इल्तिजा ने आरोप लगाया, ‘‘वे मेरे पासपोर्ट जारी नहीं किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिकूल रिपोर्ट देकर मेरे अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं.''
इल्तिजा ने कहा, ‘‘इसके अलावा, प्रतिकूल रिपोर्ट को गोपनीय सूचना के रूप में रखा गया है. इसके गोपनीय सूचना होने का एकमात्र कारण यह है कि सीआईडी के पास मेरे खिलाफ कुछ भी ठोस प्रमाण नहीं है.'' मार्च 2021 में, महबूबा और उनकी 80 वर्षीय मां गुलशन नजीर को उनके खिलाफ ‘‘प्रतिकूल रिपोर्ट'' का हवाला देते हुए उन्हें पासपोर्ट जारी करने से मना कर दिया गया था.
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