बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बेंगलुरु में पशु बलि और मीट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. धार्मिक मौके को ध्यान में रखते हुए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने उक्त प्रतिबंध को लागू किया है. इससे पहले बीबीएमपी ने रामनवमी के अवसर पर भी जानवरों की हत्या और मीट की बिक्री पर रोक लगायी थी. बता दें कि रामनवमी के अवसर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला बीबीएमपी के प्रमुख कमीश्वर गौरव गुप्ता ने तीन अप्रैल को जारी किया था.
जारी आदेश में कही गई थी ये बात
बीबीएमपी प्रमुख की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि हर साल रामनवमी, गांधी जयंती, सर्वोदय दिवस समेत अन्य धार्मिक अवसरों पर मीट की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. नगर पालिका का ये फैसला उस वक्त आया था, जब देश की राजधानी दिल्ली के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों में मेयरों ने मौखिक तौर पर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में चैती नवरात्री के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया था. हालांकि, इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया था.
सदन तक पहुंच गया था मामला
गौरतलब है कि इस पूरे मामले पर बहुत बवाल हुआ था. मामला सदन तक पहुंच गया था. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में मुद्दा उठाते हुए कहा था कि जब संविधान ने हमें मांसाहार भोजन करने का अधिकार दिया तो रोकने वाला प्रशासन कौन होता है. बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस साल यह 16 मई को मनाया जाएगा.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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