विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान पर पलटवार किया है और कड़े लहजे में कहा है कि 'पाकिस्तान कहता है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा है. मुझे लगता है कि इस मामले में सीख देने वाला पाकिस्तान आखिरी देश होना चाहिए. समावेशी समाज और विविधता को लेकर दुनिया और भारत को उससे सीखने की जरूरत नहीं है. हम और पूरी दुनिया जानती है कि देश में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है. बता दें कि यह बयान उस वक्तव्य पर आया है, जिसमें पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में भारत से बेहतर अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार किया जाता है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है तो फिर वह पठानकोट और मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता है? वह प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अब भी सहयोग कर रहा है. आगे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है. भारत के साथ वार्ता को लेकर इस्लामाबाद के बयान में कोई गंभीरता नहीं है.
Raveesh Kumar, MEA: Pakistan said minorities are not treated well in India, I think Pakistan should be the last country to lecture us on plurality and inclusive society. We and the world are fully aware of the situation of minorities in their country. pic.twitter.com/0fzhaLvAPw
— ANI (@ANI) January 11, 2019
दरअसल, बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने हिंदुस्तान में भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा पर जो बयान दिया था, उस बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वह भारत की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार को ''दिखाएंगे'' कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं. उन्होंने नसीरुद्दीन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान के निर्माता जिन्ना को पहले से ही पता था कि शायद इसीलिए उन्होंने मुसलमानों के लिए अलग देश बनाने की बात कही थी.
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इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्वित करेगी कि अल्पसंख्यक सुरक्षित, संरक्षित महसूस करें और उन्हें ‘नये पाकिस्तान' में समान अधिकार हों. उन्होंने शाह के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा,हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं...भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि कमजोर को न्याय नहीं दिया गया तो इससे विद्रोह ही उत्पन्न होगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिये गए जो कि बांग्लादेश निर्माण के पीछे मुख्य कारण था.
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पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के कमेंट पर नसीरुद्दीन शाह ने भी पलटवार किया था और कहा कि मुझे लगता है कि मिस्टर ख़ान को उन मुद्दों पर ही बात करनी चाहिए, जो उनके देश से जुड़े हैं. उन्हें ऐसे मुद्दों के बीच में नहीं आना चाहिए, जिनसे उनका कोई वास्ता नहीं. हमारे देश में 70 सालों से लोकतंत्र हैं और हम जानते हैं कि हमें इन मुद्दों को कैसे सुलझाना है.
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