साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फाइल फोटो)
मुंबई:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को एक विशेष अदालत से कहा कि साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मकोका नहीं लगाने को लेकर एक राय थी और इस बारे में अटॉर्नी जनरल की राय ली जा रही है।
इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और दक्षिणपंथी समूह की सदस्य साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुख्य आरोपी हैं। एनआईए ने न्यायाधीश एस.डी. टेकाले की विशेष अदालत को बताया, 'अभियोजन पक्ष एनआईए दिल्ली में अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारियों और विधि अधिकारियों से जरूरी सलाह का इंतजार कर रहा है और अब उनकी राय यह है कि मकोका इस तरह के मामलों में लगाए जाने के लिए उपयुक्त नहीं है।'
इसमें कहा गया है कि यह काफी महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे गृह मंत्रालय के पास इस प्रार्थना के साथ भेजा गया है कि भारत के अटार्नी जनरल इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करें। इसके बाद अदालत को अगली तारीख 15 फरवरी तक के लिए मुत्तलवी कर दिया गया।
इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और दक्षिणपंथी समूह की सदस्य साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुख्य आरोपी हैं। एनआईए ने न्यायाधीश एस.डी. टेकाले की विशेष अदालत को बताया, 'अभियोजन पक्ष एनआईए दिल्ली में अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारियों और विधि अधिकारियों से जरूरी सलाह का इंतजार कर रहा है और अब उनकी राय यह है कि मकोका इस तरह के मामलों में लगाए जाने के लिए उपयुक्त नहीं है।'
इसमें कहा गया है कि यह काफी महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे गृह मंत्रालय के पास इस प्रार्थना के साथ भेजा गया है कि भारत के अटार्नी जनरल इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करें। इसके बाद अदालत को अगली तारीख 15 फरवरी तक के लिए मुत्तलवी कर दिया गया।
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