- NIA ने 2025 में आतंकवाद के खिलाफ कई मामलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और 92% से अधिक सजा दर हासिल की.
- अप्रैल में 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया, जो ऐतिहासिक कदम है.
- दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में NIA ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी.
साल 2025 राष्ट्रीय जांच एजेंसी के लिए बड़ी उपलब्धियों से भरा रहा. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में NIA ने न सिर्फ कई हाई-प्रोफाइल मामलों को अंजाम तक पहुंचाया, बल्कि 92 प्रतिशत से ज्यादा की सजा दर हासिल कर एक मजबूत रिकॉर्ड भी कायम किया. इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में 26/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण, पहलगाम आतंकी हमले की जांच पूरी करना और दिल्ली में हुए बड़े आतंकी हमलों के आरोपियों की गिरफ्तारी शामिल है.
NIA को साल की सबसे बड़ी कामयाबी अप्रैल 2025 में तब मिली, जब 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया गया. 2008 के मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी. राणा का प्रत्यर्पण इस आतंकी साजिश को बेनकाब करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.

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अनमोल बिश्नोई का अमेरिका से डिपोर्टेशन
इस साल गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ भी NIA को बड़ी सफलता मिली. लॉरेंस बिश्नोई के भाई और करीबी सहयोगी अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से डिपोर्ट कराया गया. अनमोल 2022 से फरार था और भारत व विदेश में बैठे आपराधिक गिरोहों के जरिए दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने के आरोपों का सामना कर रहा है.
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पहलगाम आतंकी हमले की जांच पूरी
अप्रैल में देश को झकझोर देने वाले पहलगाम आतंकी हमले की जांच को भी NIA ने साल के अंत तक निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया. एजेंसी ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' समेत कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इनमें वे तीन आतंकी भी शामिल थे, जिन्होंने धर्म के आधार पर टारगेट किलिंग की थी और बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए.

दिल्ली कार ब्लास्ट केस में तेज कार्रवाई
दिल्ली के रेड फोर्ट इलाके में हुए कार ब्लास्ट मामले में भी NIA ने तेजी से कार्रवाई करते हुए महज दो महीने के भीतर 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस आतंकी हमले में कुछ लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे.
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (नक्सलवाद) के खिलाफ भी NIA ने 2025 में बड़ी कार्रवाई की. केंद्र सरकार के मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत NIA ने 9 मामलों की जांच की और बड़े नक्सली नेताओं समेत 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
गिरफ्तारी, चार्जशीट और सजा का रिकॉर्ड
साल 2025 में NIA ने कुल 55 नए मामले दर्ज किए. आंकड़ों के जरिए जानते हैं कि NIA ने पिछले साल कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
- आतंकी मामलों में 67
- नक्सली मामलों में 74
- नॉर्थ ईस्ट से जुड़े मामलों में 37
- खालिस्तानी मामलों में 28
- गैंगस्टर मामलों में 11
- अन्य मामलों में 59 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
कुल मिलाकर NIA ने पिछले साल 276 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 320 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई और 66 मामलों में दोषियों को सजा दिलाई गई. साथ ही फरार आतंकियों और अपराधियों की 12 संपत्तियां भी अटैच की गई है.

खालिस्तानी और संगठित अपराध नेटवर्क पर प्रहार
NIA ने पिछले साल खालिस्तानी और संगठित अपराध के नेटवर्क की कमर तोड़ने का काम किया है. साल भर देशभर में सर्च ऑपरेशन चलाए गए, जिनमें करीब 200 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें खालिस्तानी आतंकी गोल्डी बराड़ से जुड़े नेटवर्क पर भी बड़ी कार्रवाई शामिल रही.
मानव तस्करी और ‘डंकी रूट' पर भी कसा शिकंजा
NIA ने मानव तस्करी के मामलों में भी अहम प्रगति की. डंकी रूट के जरिए युवाओं को विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोहों पर शिकंजा कसा गया.
बांग्लादेश और म्यांमार से जुड़े क्रॉस-बॉर्डर तस्करी मामलों और लाओस-कंबोडिया में भारतीय युवाओं को साइबर स्लेवरी में धकेले जाने के मामलों में भी कई गिरफ्तारियां हुईं.

ISIS, अल-कायदा और अन्य आतंकी संगठनों पर नजर
ISIS, अल-कायदा, HuT जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ NIA की कार्रवाई पूरे साल जारी रही. कट्टरपंथी सोच फैलाने, युवाओं की भर्ती और आतंकी साजिशों से जुड़े कई मामलों में एजेंसी ने ठोस कार्रवाई की.
खालिस्तानी तत्वों और संगठित अपराध गिरोहों के गठजोड़ से जुड़े 10 मामलों की गहन जांच की गई.
नॉर्थ ईस्ट, हथियार तस्करी और FICN केस
नॉर्थ ईस्ट में ULFA-I और NSCN-IM जैसे उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हथियार और गोला-बारूद की कई बड़ी बरामदगियां हुईं. बिहार में AK-47 जैसी आधुनिक राइफलों की तस्करी से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र का भी भंडाफोड़ किया गया. इसके अलावा नकली भारतीय करेंसी (FICN) से जुड़े कई मामलों में भी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
NIA की तकनीक और क्षमता में हो रहा इजाफा
NIA ने अपनी तकनीकी ताकत भी बढ़ाई है. ऑर्गनाइज्ड क्राइम नेटवर्क डेटाबेस' तैयार किए गए ताकि देशभर की जांच एजेंसियों के बीच रियल टाइम सूचना साझा की जा सके. क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों की जांच के लिए विशेष वर्कशॉप भी आयोजित की गई.
साल 2025 के अंत में NIA ने साफ किया कि वह आतंकवाद, संगठित अपराध और देश विरोधी साजिशों के खिलाफ अपनी लड़ाई और तेज करेगी. आधुनिक तकनीक, बेहतर तालमेल और सख्त कार्रवाई के जरिए देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना एजेंसी की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी.
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