दिल्ली मेयर चुनाव से बीजेपी के पीछे हटने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की डॉ. शैली ओबेरॉय निर्विरोध चुनी गई. दिल्ली नगर निगम में आप सत्तारूढ़ है. महापौर चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किये थे, जिनमें मौजूदा महापौर ओबेरॉय और भाजपा की शिखा राय थीं. शैली ओबेरॉय 22 फरवरी को दिल्ली की महापौर चुनी गयी थीं. उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 मतों के अंतर से हराया था. शैली को 150 वोट मिले थे, जबकि रेखा को कुल 266 वोट में से 116 वोट मिले थे.
दिल्ली मेयर चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शैली ओबरॉय ने कहा, "सीएम केजरीवाल का धन्यवाद कि दोबारा से मुझे मेयर उम्मीदवार बनाया. पार्षदों और जनता का धन्यवाद कि मुझे मेयर बनाया. जो ज़िम्मेदारी फिर से मिली है, उसका पूरी तरह से निर्वहन करेंगे जैसे अब तक करते रहे हैं. पार्कों, साफ़ सफ़ाई, स्कूलों आदि के मुद्दों पर काम करते रहेंगे. संवैधानिक तरीक़े से सदन को चलाएंगे"
वहीं, डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इक़बाल ने कहा, "सीएम केजरीवाल ने जो दस गारंटी दी हैं, वो दिल्ली की जनता का ख़्वाब है. आज पूरी दुनिया में दिल्ली के स्कूल और अस्पतालों की सराहना होती है. निगम को भी अब इसकी ज़रूरत है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम यह सब करेंगे."
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का कहना है कि उनके पार्षदों को तोड़ने के लिए भाजपा ने दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किया. डीसीपी स्तर के पुलिस वालों के जरिए आप पार्षदों को 10 -10 करोड़ रुपये की रिश्वत का और अमित शाह से मुलाकात करवाने का प्रलोभन दिया गया.
आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा, "आज पहली बार पीएम मोदी की भाजपा ने केजरीवाल की आप के सामने सरेंडर कर दिया. इनमें मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ने की भी क्षमता नहीं रही. एक हफ़्ते से इनका सरेंडर सप्ताह चल रहा है. दो महीने पहले मुकेश गोयल के नाम को एलजी ने पीठासीन पदाधिकारी के लिए मना कर दिया था, लेकिन इस बार उसे अप्रूव करना पड़ा. आज भाजपा उम्मीदवारों के नाम वापसी के बाद शैली ओबरॉय मेयर बनीं और आले मोहम्मद इक़बाल डिप्टी मेयर. आज इन्हें पता था कि इनके पास नंबर नहीं है और हो सकता था कि कई भाजपा पार्षद आप को वोट देते, इसलिए बीजेपी ने आप के सामने सरेंडर कर दिया. यह आप और अरविंद केजरीवाल के मूल्यों की जीत है.
दिल्ली भाजपा ने नगर निगम महापौर एवं महापौर चुनाव से पीछे हटने करने का निर्णय लिया. पार्टी ने बताया कि ऐसा इसलिए किया किया गया, क्योंकि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद आम आदमी पार्टी स्थाई समिति एवं वार्ड समितियों का गठन नहीं होने दे रही है, जिस कारण नगर निगम में कोई कार्य नहीं हो पा रहा. भाजपा ने महापौर के लिए शिखा राय और उपमहापौर के लिए सोनी पांडे का नामांकन भरा गया था.
राष्ट्रीय राजधानी में महापौर पद के लिए बारी-बारी से एक-एक साल के पांच कार्यकाल के लिए चुनाव होता है. पहले वर्ष में मेयर का पद महिलाओं, जबकि तीसरे वर्ष में आरक्षित श्रेणी के लिये होता है. अन्य तीन वर्षों (दूसरे, चौथे और पांचवें) में यह पद अनारक्षित श्रेणी के लिये होता है. आधिकारिक सूत्रों ने तीन अप्रैल को कहा था कि नये महापौर के चुनाव तक ओबेरॉय पद पर बनी रहेंगी.
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