भारतीय वायु सेना (IAF) ने रविवार को असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में व्यापक पैमाने पर राहत और और बचाव के प्रयास जारी रखे. वायुसेना ने लोगों को राहत सामग्री मुहैया कराई. भारतीय वायुसेना ने शनिवार को एएन-32 परिवहन विमान, दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर, एक चिनूक हेलीकॉप्टर और एक एएलएच ध्रुव को तैनात किया, दितोकचेरा रेलवे स्टेशन पर फंसे 119 यात्रियों को निकाला गया.
भारतीय वायुसेना (IAF) ने ट्वीट किया, "#FloodReliefInAssam असम में बाढ़ के कारण कटे हुए क्षेत्रों में नागरिकों को राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को एयरलिफ्ट करके निकालने के प्रयास जारी हैं. IAF ने इस कार्य के लिए अपने परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं."
#FloodReliefInAssam
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 22, 2022
Efforts are continuing to evacuate citizens and airlift rescue teams and relief material to areas cut off due to floods in Assam. #IAF has deployed its transport aircraft and helicopters for the task. #HarKaamDeshKeNaam#IndianAirForce pic.twitter.com/tG9qbNVkQf
असम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ के 20 कर्मियों को तैनात किया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य सरकार मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं. भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और एनडीआरएफ ने स्वयंसेवकों की मदद से बाढ़ में फंसे हुए कुल 24,749 लोगों को बचाया है.
एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर महीप मौर्य के अनुसार, बचाव अभियान के लिए तैनात टीमों ने होजई जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों से 500 लोगों को बचाया है. मौर्य ने कहा, "कई लोग अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए हमने उनके घरों पर राहत और राशन सामग्री दी."
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, सभी प्रभावित क्षेत्रों में 499 राहत शिविर और 519 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं. वर्तमान में कुल 92,124 लोग शिविरों में रह रहे हैं. एएसडीएमए की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 32 जिलों के 3,246 गांवों के कुल 8,39,691 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इनमें से छह जिले भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं.
आंकड़ों के अनुसार बाढ़ के पहले चरण में 14 लोगों (बाढ़ में 9 और भूस्खलन में 5) की मौत हुई है. राज्य में इस प्राकृतिक आपदा से 100,732.43 हेक्टेयर भूमि में लगी फसल प्रभावित हुई है.
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही 21 मई से 24 मई तक उत्तर पश्चिमी और पूर्वी भारत में सोमवार (23 मई) को चरम तीव्रता के साथ बारिश होने की भविष्यवाणी की है.
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