
- मनसे के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को मराठी भाषा विवाद में पीटा था, उसके बाद ये इस विवाद ने तूल पकड़ ली
- राज ठाकरे की पार्टी मराठी भाषा का राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो ग़लत है - प्रवीण तेवतिया
- प्रवीण तेवतिया ने ताज होटल हमले का जिक्र कर मनसे पर निशाना साधा और कहा कि उस वक्त आपके कार्यकर्ता कहां थे.
- तेवतिया ने कहा कि मनसे के कार्यकर्ता हमले के दौरान छिपे रहे और अब भाषा को राजनीति का हिस्सा बना रहे हैं और विवाद कर रहे हैं
महाराष्ट्र में बीते दिनों मनसे के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को भाषा के विवाद के चलते पीटा था. राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं का कहना था कि अगर महाराष्ट्र में रहना है तो मराठी भाषा आनी चाहिए. इसके बाद से मराठी भाषा को लेकर घमासान बढ़ गया है. इसी बीच अब एक्स मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने रिएक्ट किया और कहा कि जब ताज पर हमला हुआ था, तब आपके ये योद्धा कहां थे.
पूर्व मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने ताज होटल पर हुए हमले के दौरान आतंकियों के खिलाफ चल रहे मोर्च को खुद से संभाला था. उन्होंने मुंबई के ताज होटल पर आतंकवादी विरोधी अभियान में टीम का नेतृत्व किया था. इसी पर तेवतिया ने मराठी भाषा विवाद पर राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि जब ताज पर आतंकी हमला हुआ था तब मनसे के कार्यकर्ता छिप गए थे और कहीं नहीं मिले. यहां तक कि राज ठाकरे भी दिखाई नहीं दिए. उद्धव ठाकरे औऱ उनके परिवार के सदस्य भी कहीं नजर नहीं आए. उस वक्त राज ठाकरे ने कुछ नहीं कहा क्योंकि उस वक्त ताज में फंसे लोगों को जो बचाने में व्यस्त थे वो मुख्य रूप से यूपी और बिहार से आए थे.
#WATCH | Delhi: On the Marathi language row, ex-Marine Commando Praveen Kumar Teotia, who led the team during the counter-terrorist operations after the 26/11 attack at Mumbai's Taj Hotel, says, "When the 26/11 terrorist attack happened, their (MNS) so-called warriors hid and… pic.twitter.com/PYwA5Zt9IB
— ANI (@ANI) July 6, 2025
राजनीति को भाषा से अलग रखना चाहिए
प्रवीण कुमार तेवतिया ने कहा कि मैं वहीं था. फ्रंट लाइन वॉरियर के तौर पर मैंने ताज हमले की स्थिति को संभाला था और आतंकियों का सामना किया था. मैं भी यूपी से हूं और चौधरी चरण सिंह के गांव का हूं, जो देश के पांचवे प्रधानमंत्री थे. इस वजह से आपको हमें राजनीति सिखानी की जरूरत नहीं है. राजनीति को हमेशा भाषा से अलग रखा जाना चाहिए. हमें भी मराठी भाषा पर गर्व है लेकिन लोगों को इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं करना चाहिए.
I saved Mumbai on 26/11.
— Adv Praveen Kumar Teotia (@MarcosPraveen) July 5, 2025
I bleed for Maharashtra.
I'm from UP.
I saved the Taj Hotel.
Where were Raj Thakre's so Called Warriors?
Don't divide the Nation.
Smiles don't require any Language. https://t.co/z8MBcdcTAW pic.twitter.com/uZAhM4e6Zq
मनसे पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाषा की राजनीति करना बिल्कुल गलत है. अगर आपको राजनीति करनी है तो विकास की और नौकरियों की और रोजगार की करनी चाहिए. आपने आजतक कितनी जॉब क्रिएट की हैं और कितने विकास कार्य किए हैं, आपको यह बताना चाहिए. प्रवीण कुमार ने कहा कि राजठाकरे औऱ उनकी पार्टी ने अभी तक कोई विकास कार्य नहीं किए हैं.
इससे पहले भी एक पोस्ट में तेवतिया ने कहा था कि 26/11 हमले में मैने ताज को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी. मैं यूपी से आता हूं और माहाराष्ट्र के लिए खून बहा रहा हूं. तब राज ठाकरे के योद्धा कहां थें... आपको भाषा की वजह से देश को नहीं बांटना चाहिए. मुस्कुराहट के लिए किसी भाषा की जरूरत नहीं होती है.
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