देश में सिर पर मैला ढोने पर प्रतिबंध होने के बावजूद गुजरात में इस तरह के विभिन्न मामले सामने आए हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की आज जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
कैग ने गुजरात में स्वच्छता की स्थिति की ओर इंगित करते हुए अपने अंकेक्षण में कहा कि हालांकि सिर पर मैला ढोना प्रतिबंधित है, राज्य में इस तरह के मामले सामने आए हैं।
कैग की 'पूर्ण स्वच्छता अभियान' के बारे में प्रदर्शन रिपोर्ट के अनुसार 'भले ही सिर पर मैला ढोना इस संबंध में 1993 के सिर पर मैला ढोने एवं सूखे शौचालयों का निर्माण (प्रतिबंध) कानून के तहत प्रतिबंधित हो, 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार गुजरात राज्य में सिर पर मैला ढोने के कई मामलों की जानकारी सामने आयी है।'
इस रिपोर्ट को आज गुजरात विधानसभा में सदन के पटल पर रखा गया। यह प्रदर्शन रिपोर्ट मार्च 2013 के लिए गुजरात सरकार द्वारा संचालित स्थानीय निकायों के बारे में कैग की एक रिपोर्ट का हिस्सा है।
कैग ने कहा कि पूर्ण स्वच्छता अभियान की योजना दिशानिर्देश के तहत सूखे शौचालयों का निर्माण एवं रखरखाव तथा सिर पर मैला ढोने का काम प्रतिबंधित है। पूर्ण स्वच्छता अभियान का नाम 2012 में बदल कर निर्मल भारत अभियान कर दिया गया था। इस योजना के तहत सूखे शौचालयों को जल सुविधा वाले शौचालयों में परिवर्तित करने का सुझाव है।
इस रिपोर्ट में जनगणना रिपोर्ट 2011 के हवाले से कहा गया है कि गुजरात में 1408 ऐसे मामले सामने आये जहां मनुष्य द्वारा मैला ढोया जा रहा है।
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