नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने की तैयारी कर रहे 'इंडिया' गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. सीपीआई-एम ने बंगाल और केरल में 'इंडिया' गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. दोनों राज्यों में उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी की तृणमूल और कांग्रेस हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
सूत्रों का कहना है कि सीपीएम ने बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल दोनों से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है, जिससे विपक्षी गठबंधन में खामियां उजागर हो रही हैं, जिसका उद्देश्य अगले साल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के प्रयास में एकजुट होकर लड़ना है. इसके साथ ही कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में किसी भी प्रतिनिधि का नाम नहीं देने का फैसला किया है.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में सीपीएम पोलित ब्यूरो की बैठक में ये निर्णय लिए गए. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि ये फैसले विपक्षी वोटों का बंटवारा नहीं होने को सुनिश्चित करने की रणनीति का हिस्सा हैं. सीपीएम पिछले सप्ताह 'इंडिया' कॉडिनेशन कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुई. 14 सदस्यीय पैनल में एक सीट खाली रखी गई थी. बैठक के बाद सीपीएम पोलित ब्यूरो के बयान में इन फैसलों का जिक्र नहीं है. ऑन रिकॉर्ड, इसने कहा कि यह गठबंधन की मजबूती और विस्तार के लिए काम करेगा.
सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद नीलोत्पल बसु ने 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति पर एनडीटीवी से बात की. उन्होंने कहा कि संगठनात्मक ढांचा बनने से 'इंडिया' ग्रुप के विस्तार में बाधा आ सकती है. हम 'इंडिया' ग्रुप को मजबूत करेंगे. कई बार संगठनात्मक ढांचा इंडिया ग्रुप के विस्तार के लिए बाधा खड़ी कर सकता है. 'इंडिया' ग्रुप से जुड़ी कोई भी पार्टी यह नहीं कह सकती कि कहीं भी चुनावी टकराव नहीं होगा.
नीलोत्पल बसु ने कहा कि हम राष्ट्रीय स्तर पर जितना संभव है उन संभावनाओं के तहत आपसी चुनावी टकराव को कम करने की कोशिश करेंगे. बेंगलुरु की बैठक से पहले सीताराम याचूरी ने सार्वजनिक तौर पर कहा की बंगाल में और केरल में गठबंधन के अंदर जो पार्टी शामिल हैं. उनमें तालमेल नहीं हो सकता है. इंडिया ग्रुप को राष्ट्रीय स्तर पर एक चुनावी गठबंधन के तौर पर नहीं देख सकते. राजनीतिक दलों के बीच सीट एडजेस्टमेंट सिर्फ प्रदेश स्तर पर हो सकता है.
पोलित ब्यूरो ने कहा कि उसने देश भर में लोगों को एकजुट करने के लिए पटना, बेंगलुरु और मुंबई में 'इंडिया' गटभंधन की पिछली तीन बैठकों में पार्टी के रुख का भी समर्थन किया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ ने भोपाल में 'इंडिया' रैली रद्द करने के बाद पार्टी ने कॉडिनेशन कमेटी और चुनाव रणनीति समिति के लिए अपने प्रतिनिधि का नाम बताने से इनकार कर दिया है.
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