"क्या लव-जिहाद..." पूछकर पुणे यूनिवर्सिटी में 19 साल के लड़के पर हमला, जांच जारी

अधिकारी ने कहा, ''हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है और सीसीटीवी फुटेज (Pune Student Attack) की मदद से उनका पता लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं."

पुणे की एक यूनिवर्सिटी में छात्र से मारपीट. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पुणे में एक 19 साल के यूनिवर्सिटी छात्र पर हमले (Pune Student Attack) की घटना सामने आई है. छात्र पर लव-जिहाद का आरोप लगा था, जिसके बाद उस पर पांच अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया, ये जानकारी पुलिस की तरफ से सामने आई है. यह घटना रविवार दोपहर को यूनिवर्सिटी परिसर में हुई. घटना के समय छात्र अपनी दो महिला क्लासमेट्स के साथ बैठा हुआ था. इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उस पर हमला कर दिया. 

आधार कार्ड पर नाम देखने के बाद की मारपीट

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित छात्र ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया, "मैं दो फीमेल क्लासमेट्स के साथ खाना खाकर लौट रहा था, तभी मोटरसाइकिल पर चार-पांच अज्ञात लोग यूनिवर्सिटी परिसर में मेरे पास आए और मुझसे मेरा आधार कार्ड दिखाने को कहा." छात्र का आरोप है कि आधार कार्ड पर उसका नाम देखने के बाद एक शख्स ने उससे पूछा कि क्या वह लव-जिहाद के लिए यूनिवर्सिटी में आया है. इसे बाद उसके साथ मारपीट की गई. आरोपियों ने मौके पर मौजूद उसके हिंदू पुरुष मित्र पर भी हमला किया.

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फेक्ट-फाइंडिंग कमेटी करेगी मारपीट मामले की जांच

वहीं पीड़ित छात्र की शिकायत पर पुलिस ने रविवार को ही आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 323, 504, 506 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू की. वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घटना के संबंध में फेक्ट-फाइंडिंग कमेटी के गठन का भी ऐलान किया है. आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है.

CCTV की मदद से लगाया जा रहा आरोपियों का पता

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अधिकारी ने कहा, ''हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनका पता लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं." उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय में कौशल विकास पाठ्यक्रम का छात्र है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विजय खरे ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के लिए एक तथ्य-अन्वेषण समिति का गठन किया है और सुरक्षाकर्मियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि असामाजिक तत्वों द्वारा छात्रों को धमकी दिए जाने की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.