महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में उठापटक के बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने एक बार फिर 50:50 फॉर्मूले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तंज कसा. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि अगर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को सीट बंटवारे के '50:50' फॉर्मूले के बारे में समय पर सूचना दी होती तो महाराष्ट्र को वर्तमान राजनीतिक संकट से न गुजरना पड़ता. राउत ने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि क्या भाजपा के शीर्ष नेताओं ने सीट बंटवारे पर किए गए फैसले को लेकर प्रधानमंत्री को 'अंधेरे में रखा'? अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि मुख्यमंत्री का पद साझा करने सहित शिवसेना की कई मांगें भाजपा को 'अस्वीकार्य' हैं. अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस दावे को भी खारिज कर दिया था कि भाजपा गठबंधन सहयोगी दल के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुई थी. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जनता के सामने 'कम से कम 100 बार' जिक्र किया था कि यदि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलता है तो देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.
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संजय राउत ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'यदि शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 50:50 के फॉर्मूला के बारे में समय पर सूचना दी होती तो आज हम इस स्थिति का सामना नहीं कर रहे होते.' राजनीतिक संकट के चलते महाराष्ट्र में अब राष्ट्रपति शासन लागू है. उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री मोदी को (चुनाव प्रचार के दौरान) यह कहते हुए सुना कि फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन हमने शिष्टाचार बनाए रखा और इस पर आपत्ति नहीं की क्योंकि हमने इसे अपने लिए राजनीतिक संदेश के रूप में नहीं देखा.'
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राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि क्या भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उसके और शिवसेना के बीच हुए सीट बंटवारा समझौते को लेकर मोदी को अंधेरे में रखा?' उन्होंने कहा कि शाह और ठाकरे के बीच शिवसेना प्रमुख के आवास पर (लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में) बैठक हुई थी. राउत ने कहा, 'यह दिवंगत बालासाहेब ठाकरे का ड्राइंग रूम था, लेकिन हमारे लिए यह मंदिर है. बातचीत मंदिर में हुई थी. यदि कोई कहता है कि कोई वायदा नहीं किया गया तो यह मंदिर, बालासाहेब ठाकरे और महाराष्ट्र का अपमान है.' उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों के लिए यह कमरा एक 'पवित्र स्थल' है.
बता दें कि अमित शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि निजी बातचीत में हुई चीजों को सार्वजनिक करना भाजपा का सिद्धांत नहीं है. बयान में 30 साल पुराने गठबंधन घटकों-भाजपा और शिवसेना के बीच समझौते के ब्यौरे के बारे में कुछ नहीं कहा गया. राउत ने कहा, 'जब बंद दरवाजे में किए गए वायदे को पूरा नहीं किया जाता तो तभी यह बाहर आता है. हमने राजनीति में कभी व्यापार नहीं किया, न ही हम राजनीति को लाभ-हानि के दृष्टिकोण से देखते हैं. हम इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे आत्म-सम्मान के बारे में है.'
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